आगरालीक्स….कॉलेज में घुसा तेंदुआ (फोटोज देखें). एक क्लासरूम से दूसरे क्लासरूम में घूमने लगा. स्टूडेंट्स—टीचर्स में फैल गई घबराहट. आगरा की वाइल्डलाइफ एसओएस ने ऐसे पकड़ा..
अलीगढ़ के चौ. निहाल सिंह कॉलेज में घुसा तेंदुआ
एक चौका देने वाली घटना में एक तेंदुआ अलीगढ में स्थित चौधरी निहाल सिंह कॉलेज की एक कक्षा में घुस गया. चार घंटे की निरंतर कोशिश क बाद वाइल्डलाइफ SOS और उत्तर प्रदेश वन विभाग उस तेंदुए को पकड़ने में सफल हुए जिसके उपरांत उससे सुरक्स जंगल में छोड़ दिया .
चौधरी निहाल सिंह इंटर कॉलेज के छात्र व शिक्षकगण में घबराहट फ़ैल गई जब बुधवार सुबह एक वयस्क तेंदुआ कॉलेज की एक कक्षा में घुस गया. इस घटना की जानकारी तुरंत वन विभाग को दी गई और उन्होंने आगरा स्थित संरक्षण संस्था – Wildlife SOS को बुलाया. सुरक्षा जाल, ट्रैप केज और अन्य सुरक्षा के उपकरणों के साथ, Wildlife SOS के पांच लोगो का बचाव दल बिना समय गवाए वन विभाग के अधिकारीयों की मदद के लिए निकल गए.

आगरा की वाइल्ड लाइफ एसओएस टीम ने ऐसे पकड़ा
विद्यालय पहुंचते ही, सर्वप्रथम, बचाव दल ने छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की तथा सभी आवागमन के सभी रस्ते बंद कर दिए. डरे हुए तेंदुए को बच कर निकलने का संघर्ष करते हुए CCTV में पाया गया. वह एक कक्षा से दूसरी में घूमते हुए, निकलने का रास्ता खोज रहा था. बचाव दल ने बकेट ट्रक को बुलवाया ताकि पहली मंज़िल पर फसे तेंदुए की सही स्थिति का आकलन हो सके. आखिरकार, डरे, सहमे हुए तेंदुए को एक कक्षा में, कुर्सी के पीछे दुबके हुए पाय . तुरंत उस कक्षा का दरवाज़ा एक लकड़ी क फट्टे से बंद किया गया ताकि वो तेंदुए बाहर न आ सके और फिर, Wildlife SOS के वेटरनरी डॉक्टर Dr. राहुल प्रसाद ने सावधानी से , एक खिड़की से सेडेटिव इंजेक्शन का प्रयोग करके उस तेंदुए को बेहोश किया.

शिवालिक फोरेस्ट में छोड़ा
लगभग 6 वर्ष की आयु का तेंदुआ, सुरक्षित रूप से ट्रैप केज में रख कर शिवालिक फारेस्ट डिवीज़न, सहारनपुर, में ले जाया गया जहाँ उससे मुक्त कर दिया गया. Dr. राहुल प्रसाद, Wildlife SOS वेटरनरी अफसर ने कहा,” यह 6 वर्ष का, स्वस्थ नर तेंदुआ है. इस प्रकार के बचाव कार्य में बड़ी कुशलता क साथ आगे बढ़ना होता है ताकि जानवर व सभी आस पास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. डरे हुए इस तेंदुए ने, बार-बार एक कक्षा से दूसरी में भाग कर, इस सुरक्षा अभियान को कठिनतम बनाया.”

वन विभाग का जताया आभार
कार्तिक सत्यनारायण, सह-संस्थापक और CEO Wildlife SOS ने कहा, “इस बचाव अभियान को सफल बनाने के लिए हम वन विभाग के आभारी है. ऐघटते वन क्षेत्र व उनका अतिक्रमण इन शिकारी पशुओ की रिहाइश व भोजन को सीधे प्रभावित करते हैं. आश्रय व शिकार की तलाश में ये खतरनाक जानवर रिहाइशी स्थानों पर घुसने पर मजबूर हो जाते हैं. तेंदुए जैसे अन्य शिकारी पशु स्वयं तथा जंगल के आस पास की बस्तियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाते हैं. तेंदुए जैसे जंगली जीव व मनुष्य क बीच का संघर्ष का परिणाम दोनों के ही लिए हिंसात्मक व क्रूर बन जाता है. अदिति शर्मा, Conservator of Forest (अलीगढ) ने कहा, “ये वयस्क तेंदुआ शायद आश्रय की तलाश में विद्यालय की सीढ़ियों के नीचे छुपा हुआ था जहाँ उससे सर्वप्रथम देखा गया. सूचना मिलते ही हमारा दल तुरंत घटना स्थल पर पंहुचा और जाली से घेरबंदी की. तेंदुए के सफल बचाव अभियान में Wildlife SOS ने हमारा पूर्ण सहयोग किया.


