Agra News: “Prayas” gave first chance of fashion to daughters
Mahashivratri this time in very special yoga, how to worship, wishes will be fulfilled
आगरालीक्स… महाशिवरात्रि एक मार्च मंगलवार को बेहद खास योग में है। मनोकामना पूर्ण होने के योग बन रहे हैं। पूजन विधि समेत विस्तृत जानकारी।
परिधि योग के साथ नक्षत्र घनिष्ठा
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार के ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा इस साल शिवरात्रि का त्योहार बेहद खास योग में मनाया जा रहा है। इस दिन परिधि योग लगा रहेगा। साथ ही नक्षत्र घनिष्ठा रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। इस साल शिवरात्रि की पूजा संपूर्ण विधि विधान के साथ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
महाशिवरात्रि पूजन विधि
– शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में या आधी रात के समय स्नान करने के बाद पारद शिवलिंग या स्फटिक शिवलिंग की स्थापना करें. अब गंगाजल यदि आपके पास गंगाजल नहीं है तो शुद्ध जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
– अब दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से भगवान शिव को स्नान कराएं।
– इसके बाद भगवान शिव को चंदन लगाकर फूल, बिल्वपत्र चढ़ाएं. इसके बाद धूप, दीप से भगवान शिव की पूजा करें, यदि आप शीघ्र फल पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग के सामने बैठकर नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी एक मंत्र की एक माला जाप करें.
ओम नमः शिवाय
-ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रूद्र प्रचोदयात।
–ओम त्र्यंबकम यजा महे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बंधनात मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
-महाशिवरात्रि व्रत कथा का श्रवण करना चाहिए।
शिवरात्रि का महत्व
-शिवरात्रि के दिन पूरा दिन व्रत करके श्रद्धा पूर्वक भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उसके जन्म जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं.
-शिवरात्रि का व्रत करने से मनुष्य इस लोक में सुख पूर्वक रहकर अंत में शिवलोक को प्राप्त होता है।
-यदि आप व्रत करने में असमर्थ हैं तो शिवरात्रि के दिन पूरा दिन व्रत करने के बाद शाम के समय भगवान शिव की पूजा अर्चना करके अपना व्रत खोल सकते हैं।
– श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. शिवरात्रि के दिन पूरी रात जागरण करके भगवान शिव की भक्ति करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
शिवरात्रि से जुडी खास बाते
-महाशिवरात्रि की रात महा सिद्धिदात्री मानी जाती है. इस समय किए गए दान, शिवलिंग की पूजा और स्थापना का बहुत महत्व होता है।
– शिवरात्रि की रात में आप स्फटिक या पारद शिवलिंग को अपने घर या व्यवसाय स्थल पर स्थापित कर सकते हैं।
-शास्त्रों में पारद शिवलिंग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. यह एक प्रकार की धातु होती है जिससे शिवलिंग बनाया जाता है।
-पारद शिवलिंग को शिव पुराण में भोलेनाथ का वीर्य बताया गया है. वीर्य एक प्रकार का बीज होता है जो संपूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति का कारक होता है।
-पारद का भोलेनाथ से सीधा संबंध होने की वजह से यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि आप श्रद्धा पूर्वक पारद शिवलिंग का दर्शन करते हैं तो इससे आपको अतुल्य पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
-गृहस्थ लोगों के लिए पारद के साथ-साथ स्फटिक शिवलिंग की पूजा और स्थापना भी बहुत अच्छी मानी जाती है. स्फटिक शिवलिंग की पूजा, अभिषेक और दर्शन करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है और आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।
-हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. शास्त्रों में शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा और आराधना का मुख्य दिन माना गया है। भोलेनाथ को विश्व की सर्वोच्च शक्तियों में से एक माना जाता है. हमारे वेद पुराणों और भाषा ग्रंथों में शिव की महिमा और गरिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है।