आगरालीक्स…। अर्हम योग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 चन्द्रसागर जी महाराज ने विभिन्न भक्तियां पढ़कर चातुर्मास की विधिवत स्थापना की। उन्होंने कहा कि मुक्ति के लिए बंधना जरूरी है।
चार माह का बंधन स्वीकार करते हैं
बुधवार को एमडी जैन इन्टर कालेज हरीपर्वत के शान्तिसागर सभागार में अर्हम योग मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज और मुनि श्री 108 चन्द्रसागर जी महाराज ने विभिन्न भक्तियां पढ़कर चातुर्मास की विधिवत स्थापना की। मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी ने कहा कि अहिंसा महाव्रत के पालन के लिये जैन साधु चार माह का बन्धन स्वीकार करते हुए एक ही स्थान पर रुकते हैं। उन्होने कहा कि मुक्ति के लिये भी बन्धना जरूरी है।
साधु को देख खुश होते हैं श्रावक
उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार मेघों को देख मयूर आनन्दित हो नाचता है। उसी प्रकार चातुर्मास में साधु को अपने बीच देख श्रावक हर्षाते हैं। उन्होंने चातुर्मास को स्वकल्याण का अवसर कहा। मुनि चन्द्र सागर जी ने आचार्य शान्तिसागरजी का संस्मरण सुनाते हुये कहा कि उस समय लाउडस्पीकर नहीं होते थे। तब आचार्य शान्तिसागर के चारों तरफ वीर सागर, शिवसागर समेत चार मुनि दर्शकों की तरफ मुख कर बैठते थे। आचार्य श्री जो बोलते थे, उसको रिपीट कर चारों ओर बैठे श्रोताओं को सुनाते थे। उसी प्रकार आगरा नगर की विशालता और भक्ति देख, आचार्य श्री विद्यासागर जी ने भी दो तरफ की भीड़ संभालने को दो—दो संघ एक साथ आगरा नगर में भेजे हैं। एक तरफ मुनि प्रणम्य सागर जी महाराज संघ तो दूसरी और मुनि श्री वीर सागर जी महाराज संघ।
इन्होंने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विदयासागर जी महाराज के चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन प्रदीप जैन, जितेन्द्र जैन, आगरा दिगबर जैन परिषद के अर्थमंत्री राकेश जैन और जैन यूथ आफ के सदस्य ने किया। मंच का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल ने किया। इस अवसर आगरा दिगंबर जैन परिषद के महामंत्री सुनील जैन, अर्थमंत्री राकेश जैन, गौरव जैन, शिखरचन्द जैन, मदनलाल बैनाडा उपस्थित रहे।
कलश स्थापना एक अगस्त को
आगरा दिगंबर जैन परिषद के महामन्त्री सुनील जैन ने बताया कि चातुर्मास के मंगल कलश स्थापना का भव्य कार्यक्रम एक अगस्त रविवार को मध्यान्ह एक बजे से एमडी जैन इन्टर कालेज ग्राउंड हरीपर्वत में होगा।