आगरालीक्स…. नाग पंचमी सोमवार को है। भोलेनाथ और नागों की पूजा और दर्शन को माना जाता शुभ। इस दिन चूल्हे पर तवा भी नहीं रखा जाता। जानिये नाग पंचमी पर कैसे करें पूजा और महत्व।
शक्ति और सूर्य का अवतार माना जाता
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पं.हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार है। संस्कृति का अहम हिस्सा है। नागों को धारण करने वाले भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना करना भी इस दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इन्हें शक्ति एवं सूर्य का अवतार भी माना जाता है।
नाग पंचमी पर नागों के दर्शन शुभ
देश में नाग पूजा प्राचीनकाल से चली आ रही है। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है इसलिए इसे ‘नाग पंचमी’ के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है। इस दिन नागों का दर्शन शुभ माना जाता है।
नाग पंचमी पर इस तरह किया जाए पूजन
इस दिन सुबह जल्दी स्नान कर धुले हुए साफ एवं स्वच्छ कपड़े पहनकर पूजा की जाती है। दीवार पर गेरू पोतकर पूजन का स्थान बनाया जाता है। घर के प्रवेश द्वार पर नाग का चित्र बनाया जाता है। पूजा की जाती है। नागदेव की सुगंधित पुष्प, कमल व चंदन से ही पूजा करनी चाहिए, क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है।
खीर का लगाया जाता है भोग
ब्राह्मणों को भोजन व खीर परोसी जाती है व सांप को भी अर्पण की जाती है। उसके बाद इस खीर को प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण किया जाता है। यह दिन सपेरों के लिए भी विशेष महत्व का होता है, उन्हें दूध और पैसे दिए जाते हैं।
मिट्टी की खुदाई और तवा चूल्हे पर नहीं रखा जाता
इन दिनों मिट्टी की खुदाई पूरी तरह से प्रतिबंधित रहती है। माना गया है कि नाग का फन तवे के समान होता है। नाग पंचमी के दिन तवे को चूल्हे पर चढ़ाने से नाग के फन को आग पर रखने जैसा होता है इसलिए इस दिन कई स्थानों पर तवा नहीं रखा जाता।