आगरालीक्स….कक्षा दस के बच्चों को प्रोन्नत करने पर प्राइवेट स्कूल्स की सबसे बड़ी संगठन ने सीबीएसई को लिखा पत्र-इस समय मूल्यांकन समिति बनाना आसान नहीं, खतरे से भरा निर्देश
नीसा (नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाइंस ऑफ प्राइवेट स्कूल्स) प्राइवेट स्कूल्स की सबसे बड़ा संगठन ने सीबीएसई को लिखे पत्र में कहा कि आपके द्वारा लिए गए छात्रों के उचित एवं निष्पक्ष प्रोन्नति के निर्णय की सराहना करता है। नोटीफिकेशन में कक्षा दस की बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन/अंकगणना की नीति निर्देशित की गई है,जो विद्यालयों द्वारा वर्ष भर किए गए मूल्यांकन, आवधिक परीक्षणों, सत्र परीक्षा और प्री बोर्ड पर आधारित है।
इस महामारी के समय यह निर्देश पूरी तरह ख़तरे से भरा है, सारा देश स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है और इस समय इस मूल्यांकन समिति बनाना आसान प्रक्रिया नहीं है।
पत्र में कहा कि अधिकांश राज्यों में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लौकडाउन लगा दिया गया है और राज्य के शिक्षा विभाग ने विद्यालयों को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
*एक अन्य चुनौती यह है कि विद्यालय के संचालन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। विद्यालयों को CBSE के निर्देशानुसार दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए भौतिक रूप से विद्यालय खोलने के लिए सहायक कर्मचारियों एवं IT टीम की आवश्यकता होगी।
*देश भर में इस समय हजारों शिक्षक कोविड पोजिटिव पाए गए हैं और यह शिक्षक वर्ग पर मूल्यांकन के नाम पर थोपा गया मानसिक तनाव होगा।
- लौकडाउन के चलते वाहनों का आवागमन नहीं हो रहा है और समिति के सदस्यों, सहायक शिक्षकों एवं सहायक कर्मचारियों के लिए यह मूल्यांकन प्रक्रिया बहुत कठिन होगी।
नीसा के अनुसार यह नोटीफिकेशन इस स्वास्थ्य आपदा के समय प्रासंगिक तो है पर मानवीयता से परे है।
यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निर्दिष्ट लौकडाउन के निर्देश और राज्य के शिक्षा विभाग के विद्यालयों को भौतिक रूप से न खोलने के आदेश की अवहेलना है।
CBSE द्वारा मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को मात्र 2500/- मानदेय दिया जाना अत्यंत दुखद है और ऐसा आभास होता है कि शिक्षक समुदाय की जान की कीमत CBSE की नजरों में इतनी तुच्छ है।
इसलिए हमारा CBSE से निवेदन है कि कक्षा दस के उचित एवं निष्पक्ष परीक्षाफल को तैयार करने के लिए प्रासंगिकता के साथ ही साथ मानवीयता के साथ विचार करे। और कक्षा दस के छात्रों को उनके ऐच्छिक विषयों के साथ कक्षा ग्यारह में प्रोन्नत किया जाए।
नीसा CBSE से इस कठिन समय में एजूकेशन एंड हैल्थ केयर फंड बनाने की प्रार्थना करती है।
हमारी प्रार्थना के अनुसार, इन 2500/-( प्रति शिक्षक) x 21721( विद्यालय ) x 7( प्रति विद्यालय के शिक्षकों की संख्या ) 37,22,42,500 /-की धनराशि होगी, इस धनराशि का प्रयोग CBSE कोविड महामारी के चलते ऑक्सीजन की आपूर्ति से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में कोविड से पीड़ित रोगियों के लिए सहायता राशि के रूप में कर सकता है या प्रधानमंत्री केयर फंड में योगदान दे सकता है।
हम आपसे बोर्ड परीक्षा शुल्क की वापसी का भी निवेदन करते हैं। कक्षा दस में 17,13,314 ( नामांकित छात्रों की संख्या) x 1650/- ( प्रति छात्र),कुल प्राप्ति 282,77,93,100/-(दो सौ बयासी करोड़,सतत्तर लाख, तिरानवे हजार और सौ रुपए) छात्रों एवं अभिभावकों को लौटाई जाए। यह धनराशि आपदा के समय परिवारों के लिए बहुत सहायक होगी।
इसके अलावा, ऐसे लाखों शिक्षकों की इस आपदा के दौरान नौकरी नहीं रहीं,उनको इस आपदा में आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। इस धनराशि से उनकी जीविका चलाने में मदद की जा सकती है।
नीसा के विषय में
द नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एलाइंस (नीसा) एक मंच है,जो देश भर के प्राइवेट स्कूल्स को संविधान एवं उपनियमों के संदर्भ में अपनी संयुक्त आवाज मुखर करने और विद्यालयों की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है। इसका संपूर्ण प्रयास प्राइवेट स्कूल्स को एक मजबूत मंच प्रदान करना और उनमें जाग्रति पैदा करना है। नीसा 24 राज्यों में 65,400 विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करता है,जो 12.35 मिलियन बच्चों की शिक्षा के लिए कटिबद्ध हैं।