Photos: Thousands of devotees from the country and abroad reached the darshan of Govardhan Maharaj…#agranews
आगरालीक्स…श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट बिराज रह्यो…गोवर्धन तलहटी में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, अन्नकूट का लगाया प्रसाद …देखे फोटोज
गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पूजा असल में गोवर्धन पर्वत की पूजा है। यह पर्वत बृज में स्थित है। इसे गिर्राज पर्वत के नाम से भी जाना जाता है।इस पर्वत को श्री कृष्ण भगवान ने अपनी अंगुली पर उठाकर गांव वालों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था।यह पूजा भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति व आराधना का ही एक जरिया है।
गिरिराज धाम गोवर्धन में बुधवार गोवर्धन पूजा मनाई गई। गोडि़या संप्रदाय के लोगों ने गिर्राज पूजा का आयोजन किया। इस पूजा में देश विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस पूजा में शामिल हुए। गोडीय मठ से श्रद्धालु गिर्राज तलहटी तक राधा कृष्ण के संगीत के साथ सिर पर अन्नकूट का प्रसाद रखकर गिरिराज तलहटी तक पहुंचे। जहां भगवान गिर्राज को अन्नकूट का भोग लगाया, और श्रद्धालुओं ने विधान से पूजा अर्चना की।हम आपको बता दे गौड़ीय ससंप्रदाय के लोगों में इस दिन का विशेष महत्त्व होता है। वैष्णव मंदिरों में छप्पन भोग बना कर भगवान को भोग लगाया जाता है।जिसमें छप्पन प्रकार खाने की वस्तुएँ बनाई जाती है।
मान्यता है श्री भगवान श्री कृष्ण के कहने पर ने देवराज इंद्र की पूजा छोड़ गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस कारण इंद्र ने क्रोधित होकर ब्रज में घनघोर वर्ष की ,तो श्री कृष्ण ने गिरिराज पर्वत को सात दिन सात रात अपनी तर्जनी उंगली पर उठाये रखा।इंद्र ने को जब इस बात का पता चला कि भगवान विष्णु के अवतार है श्री कृष्ण तो इंद्र ने भगवान् श्री कृष्ण से क्षमा याचन की तभी से समूचे ब्रज में गोवर्धन पूजा की जाती है। वहीं गोवर्धन पूजा के देश विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं ने गिरिराज जी की पूजा अर्चना कर की गोवर्धन पूजा।