Police solve 25 year old cold storage owner son murder mystery, 5 youth held#agranews
आगरालीक्स क्राइम रिपोर्ट….(देवेंद्र कुमार) आगरा के एक क्लब में रची साजिश, दोस्त की हत्या कर कार में शव लेकर घूमते रहे, अंतिम संस्कार के बाद, अस्थि विसर्जन किया, एक गलती से पकडे गए.
सचिन की हत्या में 5 दोस्त पकड़े
आगरा में कोल्ड स्टोरेज स्वामी के 25 वर्षीय इकलौते बेटे सचिन की हत्या उसके दोस्तों ने ही की थी. पुलिस ने सचिन के 5 दोस्तों को अरेस्ट किया है. पुलिस ने जब इन सभी को अरेस्ट कर पूछताछ की और हत्या की कहानी सुनी तो यकीन मानिए आपको दृश्यम मूवी याद आ जाएगी. क्योंकि इन सभी ने पुलिस से बचने के लिए काफी मजबूत और शातिर प्लानिंग तैयार की थी. लेकिन एक प्वाइंट पुलिस को ऐसा मिला कि परतें खुलती गईं और शातिर पकड़ में आ गए.
हत्या के 3 अहम किरदार
- सचिन (मृतक जिसकी हत्या की गई), उम्र 25 साल, पिता सुरेश चौहान
- हर्ष (घटना का सूत्रधार और मृतक सचिन का पक्का दोस्त)
- सुमित आसवानी (क्लब संचालक, प्लानिंग रचने वाला)
आगरा में मर्डर मिस्ट्री की खौफनाक कहानी
- दयालबाग के जयराम बाग निवासी सुरेश चौहान का बेटा सचिन चौहान (25 वर्षीय) 21 जून, 2021 को दोपहर साढ़े तीन बजे घर से निकला था. इसके बाद वापस नहीं आया. दूसरे दिन उन्होंने न्यू आगरा थाने में सचिन की गुमशुदगी दर्ज कराई. कारोबारी के इकलौते बेटे का कुछ पता न चलने पर 23 जून से इस मामले में एसटीएफ (विशेष जांच दल) लगा दी गई.
- सचिन का दोस्त हर्ष घटना का मुख्य सूत्रधार है. हर्ष सचिन का पक्का दोस्त था. इन दोनों के परिवार में भी मेलजोल था और आना—जाना था. हर्ष ने ही सचिन की हत्या और फिरौती मांगने के लिए साजिश रची थी.
- क्लब संचालक और हत्या की प्लानिंग करने वाला सुमित आसवानी चीन में कारोबार करता था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2019 को वह चीन से वापस इंडिया आगरा में लौट आया.
- सुमित ने आगरा वापस आते ही दयालबाग के सौ फुटा रोड स्थित सीबीजेड स्पोर्ट्स क्लब खोला. सचिन और हर्ष दोनों दयालबाग के सौ फुटा रोड स्थित इस क्लब में जाते थे.
- हर्ष जानता था कि सचिन अपने परिवार का इकलौता है. उसको किडनैप करने से मोटी रकम मिल सकती है. इसके लिए उसने सुमित आसवानी को अपने साथ साजिश में शामिल किया.
- सुमित आसवानी और हर्ष ने इसके बाद सचिन की हत्या और फिरौती की कहानी गढ़ी. सुमित ने हत्या करने, फिरौती मांगने और पुलिस से बचने के लिए मजबूत प्लानिंग तैयार की.
- 21 जून को उन्होंने सचिन को घर से बुलाने के लिए और पार्टी करने के लिए व्हाट्सअप काल की जिससे कि कॉल डिटेल में उसका नंबर नहीं आ पाए.
- सुमित और हर्ष ने इसमें अपने साथ मनोज, हैप्पी और रिंकू को भी शामिल कर लिया.
- सचिन आया तो ये पांचों आरोपी उसको अपने साथ एक खाली पड़े प्लांट पर ले गए, वहां उसे शराब पिलाई.
- तभी हैप्पी ने सचिन का हाथ और रिंकू ने उसका पैर पकड़ लिया. इधर मनोज बाहर निगरानी करता रहा. सुमित ने सचिन के सीने पर बैठकर उसका गला दबाया और मुंह पर टेप लगाकर चेहरे पर लेमीनेशन वाली पालीथिन चिपका दी, जिससे गले और चेहरे पर निशान न बनें.
- सचिन की मौत हो जाने के बाद इन्होंने टेप और पालीथिन हटा दी.
- पांचों आरोपियों ने पीपीई किट खरीदकर बल्केश्वर स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए, ताकि कोरोना पॉजिटिव होने पर कोई इनके पास न आए और किसी को शक न हो.
- यहां पांचों ने सचिन का अंतिम संस्कार कर दिया.
- अगले दिन सभी बल्केश्वर श्मशान घाट पर गए और अस्थ्यिों को चुनने के बाद उसे यमुना में विसर्जन कर दिया, जिससे डीएनए मिलान के लिए कोई साक्ष्य पुलिस को न मिले.
- घटना के समय प्लांट पर सचिन की चप्पलें रह गई थीं. दूसरे दिन वहां जाकर चप्पलें लीं और उन्हें रास्ते में एक साथ फेंक दिया.
- इसके बाद मनोज बंसल उर्फ लंगडा सचिन का मोबाइल लेकर पहले इटावा पहुंचा. यहां से उसने फिरौती के लिए सचिन के परिजनों को कॉल की.
- मनोज बंसल इसके बाद कानपुर और फिर बाद में लखनऊ तक गया जिससे कि पुलिस को मोबाइल की लोकेशन बदलती मिलती रहे और पुलिस कन्फ्यूज हो जाए.
- बाद में मनोज ने सचिन का मोबाइल फोन तोड़कर फेंक दिया.
- इधर घटना का सूत्रधार हर्ष जो कि सचिन का पक्का दोस्त था. वह उसके परिजनों के साथ ही रह रहा था और सचिन को तलाशने में उनकी मदद में लगा हुआ था.
- हर्ष सचिन के परिजनों के साथ एसटीएफ को भी गुमराह करने के लिए कई जानकारियां दे रहा था जिससे कि एसटीएफ को उस पर शक न हो.
इस तरह पकड़े गए शातिर
एसटीएफ इस पूरे मामले की जांच कर रही थी. सचिन की कॉल पहले इटावा फिर कानपुर और बाद में लखनऊ से आई. ऐसे में एसटीएफ ने इन तीनों शहरों के जिस—जिस एरिया से कॉल आई थीं, वहां एक्टिव सभी अन्य मोबाइलों की लिस्ट निकाली. तीनों स्थानों पर एक फोन नंबर ऐसा मिला जो कि सभी जगह एक्टिव था. बस यही से एसटीएफ ने इस मामले की परत दर परत खोलना शुरू कर दिया और सभी पांचों आरोपियों को अरेस्ट कर मामले का खुलासा किया.