आगरालीक्स …..आगरा में हुई कार्यशाला में प्रिवेंटिव टीबी एग्जामिनेशन को अनिवार्य कर दिया गया है, इसकी शुरूआत एसएन मेडिकल कॉलेज से की गई है।
नेटकॉन में उत्तर प्रदेश स्टेट टास्क फ़ोर्स (राष्ट्रीय क्षय उन्नमूलन कार्यक्रम) की कार्यशाला में क्षय एवं वक्ष रोग विभाग द्वारा आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ नेशनल टास्ट फोर्स के चेयरपर्सन डॉ. अशोक भारद्वाज ने किया। कार्यशाला में प्रदेश के 71 मेडिकल कालेज की कोर कमेटियों के अधिकारी व प्रदेश के 75 जिलों के जिला क्षय रोग अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में मेडिकल कालेज में चलाए जा रहे राष्ट्रीय क्षय रोग उन्नमूलन कार्यक्रम पर चर्चा हुई। एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता ने टॉस्ट फोर्स की मिटिंग में तुरन्त निर्णय लेते हुए कहा कि एसएन मेडिकल कालेज के हर विभाग में प्रिजेन्टिव टीबी एग्जामिनेशन (पीटीईआर) अनिवार्य होगा। जिससे अधिक से धिक मरीजों की स्क्रीनिंग कर सरकार के मिशन भारत को 2025 तक चीबी मुक्त देश बनाया जा सके।
नेशनल टास्ट फोर्स के चेयरपर्सन डॉ. अशोक भारद्वाज ने तीन चीजों पर दिया जोर
-प्रिजेन्टिव टीबी एग्जामिनेशन को बढ़ाया जाए। जिससे ऐसे संक्रमित टीबी के मरीजों को चिन्हित किया जा सके, जिन्हें पता नहीं कि वह टीबी के रोगी या संक्रमित है।
-टीबी प्रिवेन्टिव थैरपी को जल्दी से जल्दी पूरे देश में लागू करना। प्रचार प्रसार के लिए मेडिकल कालेज की फैकल्टी आगे आए। विद्यार्थियों व अन्य डॉक्टरों तक संदेश पहुंचाएं कि टीबी प्रिवेन्टिव थैरपी कारगर है।
-सभी जगह खुल रहे नए मेडिकल कालेजों में विभिन्न विभागों में सामन्जस्य स्थापित करने के लिए तुरन्त एनटीईपी की कोर कमेटी गठित की जाए। जिला क्षय रोग धिकारी की जिम्मेदारी होगी। जिससे एनटीपी से सम्बंधिक गतिविधियां पहले दिन से ही शुरु हो जाए। यद्यपि नेसनल मेडिकल कमिशन के तहत यह आवश्यक है।