Sankashti Chaturthi Vrat: Lord Ganesha removes the sorrows of the devotees
आगरालीक्स…। संकष्टी चतुर्थी व्रत 23 नवंबर को है। इस दिन मिलती है भगवान गणेश की कृपा। महत्व और पूजा विधि।
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष में आने वाली इस चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से पहले भगवान गणेश को याद किया जाता है। संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान पूजा करने और व्रत रखने से इनका आशीर्वाद जल्द ही प्राप्त हो जाता है।
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
-संकष्टी के दिन चन्द्रोदय – 08:29 Pm
-चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 22, 2021 -को 10:27 Pm बजे
-चतुर्थी तिथि समाप्त – नवम्बर 23, 2021 को रात्रि 12:55 amबजे
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश से मनचाहे फल की कामना की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। उसके बाद गणेश जी की पूजा आरंभ करें। गणपति जी की प्रतिमा के नीचे लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। ध्यान रखे कि पूजा करते समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरह रहे। भगवान गणेश के आगे दीपक जलाकर उन्हें फूलों की माला अर्पित करें। उनकी आरती उतार कर लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद सभी में वितरित कर दें।