मथुरालीक्स…कथावाचक प्रदीप मिश्र ने राधारानी और श्रीकृष्ण के विवाह को लेकर ऐसा क्या कह दिया कि ब्रज में उबाल मचा हुआ है. प्रेमानंद महाराज ने भी जताई आपत्ति…
मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में शिवपुराण कथा में कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी और श्रीकृष्ण के विवाह को लेकर कथा में कहा कि राधारानी और कृष्ण का विवाह हुआ ही नहीं है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राधाजी बरसाना की नहीं बल्कि रावल गांव की रहने वाली थीं. बरसाना में उने पिता की कचहरी थी, वहां पर वे बरस यानी साल में एक बार जाती थीं. इसीलिए यहां का नाम बरसाना है. उन्होंने ये भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार रानियों में राधा का नाम नहीं है. उनके पति में श्रीकृष्ण का नाम नहीं है. राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद कुटिला थीं. राधाजी की शादी छाता गांव में हुई थी.
प्रेमानंद महाराज बोले—नरक में भी नहीं मिलेगी जगह
राधारानी पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की गई इस टिप्पणी से वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि चार श्लोक पढ़कर तुम खुद को कथावाचक कहते हो, तुम अभी राधा को जानते ही कितना हो. तुमने कितने ग्रंथ पढ़ी है, सिर्फ इस चापलूसी दुनिया को रिझा सकते हो. ये गलत अफवाह फैलाना बंद कर दो, नहीं तो किसी काम के नहीं रह जाओगे. नरक में भी जगह नहीं मिलेगी. राधाजी बहुत भोली हैं, लेकिन उनके सेवक काल हैं.
ब्रहृमा जी ने कराया था राधा—कृष्ण का विवाह
ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के पदाधिकारियों का कहना है कि ब्रहृम वैवर्त पुराण, गर्ग संहिता सहित अन्य ग्रंथों के अनुसार मांट स्थित भांडीर वन में ब्रहृमा जी द्वक्षरा राधा—कृष्ण का विवाह कराया गया था.