आगरालीक्स…आगरा के स्कूलों ने इस सेशन में 15 से 20% तक बढ़ा दी है स्कूल फीस. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि आनलाइन पढ़ाई हो रही है तो फीस कम होनी चाहिए
राजस्थान सरकार द्वारा 30 प्रतिशत स्कूल फीस माफ करने के आदेश के खिलाफ कई स्कूलों की ओर से आई याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई कानून तो नहीं है जो राज्य सरकार को ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार देता हो लेकिन हमारा मानना है कि स्कूल मैनेजमेंट को फीस कम करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्कूल बंद हैं, आनलाइन क्लासेस चल रही हैं. ऐसे में जाहिर है कि कई खर्चे स्कूलों के बच रहे हैं. महामारी के कारण लोग पहले से ही परेशान है. ऐसे में शिक्षण संस्थाओं के मैनेजमेंट को संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों के पेरेंट्स को राहत देने वाले कदम उठाने चाहिए. स्कूलों को 15 से 20 प्रतिशत तक स्कूल फीस माफ करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की इस बात पर आगरा के रहने वाले बच्चों के पेरेंट्स का कहना है कि निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने वाली बात कही है लेकिन स्कूल मैनेजमेंट इस सीजन में किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं दे रहे हैं. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 से 20 प्रतिशत तक स्कूल फीस माफ करने को कहा है लेकिन आगरा के कई स्कूलों में तो 15 से 20 प्रतिशत फीस इस सीजन में बढ़ा दी गई है. इसके अलावा स्कूलों द्वारा डवलपमेंट फीस भी ली जा रही है. हमें किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई है बल्कि स्कूल मैनेजमेंट इस बार ज्यादा फीस वसूल रहा है.
आगरा के खंदारी में रहने वाले सूर्य प्रताप का कहना है कि पिछले साल कोविड के कारण बच्चों की पूरे सेशन पढ़ाई आॅनलाइन ही हुई. एग्जाम देने बच्चे जरूर स्कूल गए लेकिन उनसे पूरे सेशन की फीस ली गई. उनका कहना है कि इस सेशन में तो स्कूलों ने पहले से ही हमारे बच्चे की फीस 18 प्रतिशत तक बढ़ा दी है. हमें कोई राहत नहीं दी जा रही है.
दयालबाग के रहने वाले जितेंद्र कुमार का कहना है कि इस सेशन में भी आनलाइन पढ़ाई हो रही है. सरकार के आदेश पर स्कूल बंद हैं लेकिन फीस पूरी ली जा रही है. बल्कि इस सेशन में तो एडवांस फीस जमा करने की बात कही गई है.
सदर के रहने वाले राजेश गुप्ता का कहना है कि मेरा बच्चा एक कान्वेंट स्कूल में पढ़ता है. पिछले साल स्कूल मैनेजमेंट ने फीस नहीं बढ़ाई लेकिन इस बार फीस कम करना तो दूर की बात है, 20 प्रतिशत तक पहले से ही बढ़ा दी गई है.