Shardiya Navratri from September 26: Mother Goddess will come on elephant, know how to do installation, worship
आगरालीक्स… शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। कौन से दिन किस देवी मां की पूजा। घट स्थापना के सरल उपाय, शुभ मुहूर्त समेत विविध जानकारियां।
खुशहाली लेकर आएंगी इस बार माता रानी
इस बार नवरात्र में देवी मां अपने भक्तों के यहां “हाथी” पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर ही सवार होकर देवलोक वापस लौट जाएंगी। इससे इसके फलस्वरूप इस वर्ष अच्छी बरसात होगी अच्छी खेती होगी देश में खुशहाली आएगी बेरोजगारी मे कमी होगी।
चौघड़िया मुहूर्त अनुसार घटस्थापना के उत्तम मुहूर्त
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक घटस्थापना के मुहूर्त।
🌻 26 सितंबर 2022दिन सोमवार को प्रातः 06:13 से लेकर 07:45 तक विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार”अमृत”का सुप्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होंगा जिनमें सरकारी ,गैर सरकारी नौकरी पेशा लोगों एवं बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियो के लिए अति शुभ और उन्नति कारक समझे जाएंगे, इसके बाद सुबह (दिवाकाल) 09:12 से 10:41तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध होगा जो विद्यार्थियों के लिए अति उत्तम समय माना जाएगा, इसके बाद दोपहर 12:15 से सांय 4:15 तक चार अत्यंत ही शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे जो उद्देग चर लाभ और अमृत के कहे जाएंगे इसमें गृहस्थ, नौकरीपेशा, रोजगारी व्यक्ति जिन माताओं बहनों के यहां संतान की दिक्कत परेशानी है या जिन कन्याओं की शादी में अनावश्यक विलंब है उन लोगों के लिए यह इस दिन का अत्यंत उत्तम मुहूर्त कहा जाएगा इसमें हर प्रकार की उन्नति वैभव एवं सुख समृद्धि प्राप्त होंगी इसी समय के बीच दोपहर 12:00 बजे से ” अभिजीत” मुहूर्त भी चालू हो जाएगा इस शुभ समय मै घट स्थापना हेतु यहअत्यंत शुभ एवं फलदायक महूर्त कहे जाएंगे इस समय में घट स्थापना करने से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाओ की पूर्ति अवश्य ही देवी मां करेंगी।
⭐ घट स्थापना कैसी करनी चाहिए
🍁 नवरात्र में घट स्थापना का बहुत महत्त्व है। नवरात्र की शुरुआत घट स्थापना से की जाती है। कलश को सुख समृद्धि , ऐश्वर्य देने वाला तथा मंगलकारी माना जाता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु गले में रूद्र , मूल में ब्रह्मा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है। नवरात्री के समय ब्रह्माण्ड में उपस्थित शक्तियों का घट में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है।
🌷 इससे घर की सभी विपदा दायक तरंगें नष्ट हो जाती है तथा घर में सुख शांति तथा समृद्धि बनी रहती है।
🔥 घट स्थापना की सामग्री
🌸 जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्रजौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी जिसमे कंकर आदि ना हो, पात्र में बोने के लिए जौ ( गेहूं भी ले सकते है ), घटस्थापना के लिए मिट्टी का कलश या फिर तांबे का कलश भी लें सकते है, कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल, रोली , मौली, पूजा में काम आने वाली साबुत सुपारी,कलश में रखने के लिए सिक्का ( किसी भी प्रकार का कुछ लोग चांदी या सोने का सिक्का भी रखते है ), आम के पत्ते, कलश ढकने के लिए ढक्कन ( मिट्टी का या तांबे का ),ढक्कन में रखने के लिए साबुत चावल, नारियल, लाल कपडा, फूल माला,फल तथा मिठाई ,दीपक , धूप , अगरबत्ती
🌟 घट स्थापना की विधि
🏵 सबसे पहले जौ बोने के लिए एक ऐसा पात्र लें जिसमे कलश रखने के बाद भी आस पास जगह रहे। यह पात्र मिट्टी की थाली जैसा कुछ हो तो श्रेष्ठ होता है। इस पात्र में जौ उगाने के लिए मिट्टी की एक परत बिछा दें। मिट्टी शुद्ध होनी चाहिए । पात्र के बीच में कलश रखने की जगह छोड़कर बीज डाल दें। फिर एक परत मिटटी की बिछा दें। एक बार फिर जौ डालें। फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। अब इस पर जल का छिड़काव करें
🍁 कलश तैयार करें। कलश पर स्वस्तिक बनायें। कलश के गले में मौली बांधें। अब कलश को थोड़े गंगा जल और शुद्ध जल से पूरा भर दें
🏵 कलश में साबुत सुपारी , फूल डालें। कलश में सिक्का डालें। अब कलश में पत्ते डालें। कुछ पत्ते थोड़े बाहर दिखाई दें इस प्रकार लगाएँ। चारों तरफ पत्ते लगाकर ढ़क्कन लगा दें। इस ढ़क्कन में अक्षत यानि साबुत चावल भर दें
⭐ नारियल तैयार करें। नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर मौली बांध दें। इस नारियल को कलश पर रखें। नारियल का मुँह आपकी तरफ होना चाहिए। यदि नारियल का मुँह ऊपर की तरफ हो तो उसे रोग बढ़ाने वाला माना जाता है। नीचे की तरफ हो तो शत्रु बढ़ाने वाला मानते है , पूर्व की और हो तो धन को नष्ट करने वाला मानते है। नारियल का मुंह वह होता है जहाँ से वह पेड़ से जुड़ा होता है ।अब यह कलश जौ उगाने के लिए तैयार किये गये पात्र के बीच में रख दें।
🌟 देवी मां की चौकी की स्थापना और पूजा विधि
🏵 लकड़ी की एक चौकी को गंगाजल और शुद्ध जल से धोकर पवित्र करें।
☘ साफ कपड़े से पोंछ कर उस पर लाल कपड़ा बिछा दें
🌷 इसे कलश के दांयी तरफ रखें
🍀 चौकी पर माँ दुर्गा की मूर्ती अथवा फ्रेम युक्त फोटो रखें
🌸 माँ को लालचुनरी ओढ़ाएँ और फूल माला चढ़ाये
🌻 धूप , दीपक आदि जलाएँ
💥 नौ दिन तक जलने वाली माता की अखंड ज्योत जलाएँ। न हो सके तो आप सिर्फ पूजा के समय ही दीपक जला सकते है
🌺 देवी मां को तिलक लगाए
♦माँ दुर्गा को वस्त्र, चंदन, सुहाग के सामान यानि हलदी, कुमकुम, सिंदूर, अष्टगंध आदि अर्पित करें ,काजल लगाएँ
🔸 मंगलसूत्र, हरी चूडियां , फूल माला , इत्र , फल , मिठाई आदि अर्पित करें
* 🌲 प्रतिदिन श्रद्धानुसार दुर्गा सप्तशती के पाठ , देवी माँ के स्रोत ,दुर्गा चालीसा का पाठ, सहस्रनाम आदि का पाठ करेंयासुने
💐 फिर अग्यारी तैयार कीजिये
🔥 अब एक मिटटी का पात्र और लीजिये उसमे आप गोबर के उपले को जलाकर अग्यारी जलाये घर में जितने सदस्य है उन सदस्यो के हिसाब से लोंगके जोडे बनाये लोंग के जोड़े बनाने के लिए आप बताशो में लोंग लगाएं यानिकि एक बताशे में दो लोंग ये एक जोड़ा माना जाता है और जो लोंग के जोड़े बनाये है फिर उसमे कपूर और सामग्री चढ़ाये और अग्यारी प्रज्वलित करे
🏵 रोजाना (प्रतिदिन) देवी माँ की सपरिवार आरती करें
♦पूजन के उपरांत वेदी पर बोए अनाज पर थोड़ा सा जल अवश्य छिड़कें
🌻 रोजाना देवी माँ का पूजन करें तथा जौ वाले पात्र में जल का हल्का छिड़काव करें। जल बहुत अधिक या कम ना छिड़के । जल इतना हो कि जौ अंकुरित हो सके। ये अंकुरित जौ शुभ माने जाते है। । यदि इनमे से किसी अंकुर का रंग सफ़ेद हो तो उसे बहुत अच्छा माना जाता है
⭐ नवरात्र के व्रत की पूजा विधि
🍁 नवरात्र के दिनों में बहुत से लोग आठ दिनों के लिए व्रत रखते हैं (पड़वा से अष्टमी), और केवल फलाहार पर ही आठों दिन रहते हैं. फलाहार का अर्थ है, फल एवं और कुछ अन्य विशिष्ट सब्जियों से बने हुए खाने. फलाहार में सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है. नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम के जन्म की रस्म और पूजा (रामनवमी) के बाद ही उपवास खोला जाता है. जो लोग आठ दिनों तक व्रत नहीं रखते, वे पहले और आख़िरी दिन उपवास रख लेते हैं (यानी कि पड़वा और अष्टमी को).व्रत रखने वालो को जमीन पर सोना चाहिए।
🌞 चैत्र नवरात्र-26 सितंबर से 04 अक्टूबर तक
🌻 नवरात्र दिन 1 (प्रतिपदा) घट स्थापना : मां शैलपुत्री पूजा, 26 सितंबर 2022 (सोमवार)
🍁 नवरात्र दिन 2 (द्वितीया) मां ब्रह्मचारिणी पूजा 27 सितंबर 2022 (मंगलवार)
🌸 नवरात्र दिन 3 (तृतीया)मां चंद्रघंटा पूजा,28सितंबर 2022, (बुधवार)
🏵 नवरात्र दिन 4 (चतुर्थी)मां कूष्मांडा पूजा, 29सितंबर 2022 (गुरुवार)
🌟नवरात्र दिन 5 (पंचमी)मां स्कंदमाता 30सितंबर 2022(शुक्रवार)
🌹 नवरात्र दिन 6 (षष्ठी)मां कात्यायनी पूजा,01अक्टूबर 2022(शनिवार)
🌲 नवरात्र दिन 7 (सप्तमी)मां कालरात्रि पूजा 02 अक्टूबर 2022 (रविवार)
🌷 नवरात्र दिन 8 (अष्टमी)मां महागौरी, दुर्गा महा अष्टमी पूजा, दुर्गा 03अक्टूबर 2022, (सोमवार)
🔥 नवरात्र दिन 9 मां सिद्धिदात्री महानवमी नवरात्रि पारणा 04अक्टूबर 2022, (मंगलवार)
🔥 विजयदशमी 05 अक्टूबर 2022 दिन (बुधवार) देवी विसर्जन देवलोक को प्रस्थान