सिंधू लगातार दूसरा महिला एकल खिताब जीतने की कोशिश में जुटी थीं लेकिन उनकी तमन्ना अधूरी रह गयी. उन्हें चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से सीधे गेम में हारकर उपविजेता स्थान से संतोष करना पड़ा. सिंधू को 41 मिनट तक चले मुकाबले में 15-21 17-21 से पराजय मिली.
वहीं वर्मा स्थानीय प्रबल दावेदार एनजी का लोंग एंगस से 14-21 21-10 11-21 से हार गये जो 50 मिनट तक चला. चीनी ताइपे की जु यिंग के लिये यह मैच बदला चुकता करने जैसा था जो हाल में सिंधू से रियो ओलंपिक खेलों में हार गयी थी. अब चीनी ताइपे की खिलाड़ी का इस भारतीय के खिलाफ जीत का रिकार्ड 5-3 है.
दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी और चौथी वरीय जु यिंग पहले मैच से ही बढ़त बनाये थी और वह बेहतर खेल दिखाते हुए 18-11 से आगे चल रही थी.
यिंग ने बढ़त को कायम रखते हुए शुरूआती गेम बिना किसी परेशानी के अपने नाम कर लिया. दूसरे गेम में सिंधू ने थोड़ा दबाव बनाने का प्रयास किया लेकिन एक बार फिर वह जु यिंग के स्ट्रोकप्ले की रेंज और रफ्तार के आगे जूझती दिखी.
जु यिंग ने अपनी कलाई का बेहतर इस्तेमाल करते हुए अपने शाट पर नियंत्रण रखा. हालांकि सिंधू ने इस गेम को आसानी से विपक्षी खिलाड़ी के नाम नहीं करने दिया और उसने 10-10 की बराबरी हासिल की. सिंधू ने चुनौती पेश करते हुए जब 11-10 से बढ़त बनायी, तब जु यिंग एक स्मैश को बाहर गिरा बैठीं. लेकिन जू यिंग ने बराबरी हासिल करते ही ब्रेक के बाद बढ़त बना ली.
दो और अंक तक इस भारतीय खिलाड़ी का हार नहीं मानने का जज्बा दिखा लेकिन विपक्षी खिलाड़ी ने इसके बाद उसे आगे नहीं बढ़ने दिया और दूसरा गेम अपने नाम किया.
पुरूष एकल फाइनल में वर्मा ने यह दिखाना जारी रखा कि वह चुनौती देने में सक्षम हैं लेकिन एंगस के खिलाफ इतना ही काफी नहीं था. हालांकि इससे पहले भारतीय खिलाड़ी का जीत का रिकार्ड उसके खिलाफ 2-0 था.
स्थानीय प्रबल दावेदार के खिलाफ वर्मा ने पहला गेम महज 15 मिनट में गंवा दिया. उसने अगले गेम में कुछ बेहतरीन स्ट्रोक्स से वापसी की. एंगस 10-19 से पीछे चल रहे थे. वर्मा ने इसके बाद उसे आगे नहीं बढ़ने दिया और दूसरा गेम अपने नाम कर लिया.
निर्णायक गेम में एंगस ने अपने खेल में सुधार किया और 7-3 से बढ़त बना ली. जैसे जैसे मैच आगे बढ़ा, यह अंतर बढ़ता रहा. वर्मा ने वापसी करने का प्रयास किया लेकिन एंगस ने इसमें बाजी मारी.
वर्मा पहली बार सुपर सीरीज के फाइनल में पहुंचे थे. फाइनल में हारने के बावजूद सिंधू अपने प्रदर्शन से खुश थी और उन्होंने कहा का दिन उनका नहीं था. सिंधू ने कहा, ‘‘ओवरऑल अच्छा गेम रहा. आज का दिन उसका था. मैं अच्छा खेली लेकिन वह नेट पर अच्छा खेली, उसने कोई गलती नहीं की. उसने कुछ अच्छी रैली खेलीं. मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं. यह ठीक था, मैं वापस जाउंगी और कड़ी ट्रेनिंग करूंगी. दो टूर्नामेंट काफी अच्छे रहे. थोड़ी निराश हूं लेकिन ओवरआल यह अच्छा रहा. मैं उसको जीत के लिये बधाई देती हूं. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उससे कई बार खेल चुकी हूं. वह थोड़ी मुश्किल खिलाड़ी है, उसके स्ट्रोक्स अच्छे हैं. मैं हर चीज के लिये तैयार थी. लेकिन किसी को मैच जीतना और किसी को हारना होता है. ’’ दुनिया के 43वें नंबर के समीर भी उप विजेता रहे लेकिन उन्होंने कहा कि उनके पहले फाइनल में पहुंचने से उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी और वह अब बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में शीर्ष 10 में निगाह लगाये हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘फाइनल में पहुंचकर खुश हूं, इसकी उम्मीद नहीं थी. उसके खिलाफ दूसरे गेम में मैं कोर्ट पर उसे मूव कराने के लिये तैयार था. लेकिन तीसरे गेम में मैं थोड़ा थक गया था. फाइनल से पहले मैं थोड़ा नर्वस था. आज मुझे थोड़ा दबाव भी महसूस हो रहा था लेकिन अब मुझे शीर्ष 10 में पहुंचने का पूरा भरोसा है. मुझे थोड़ा तनाव भी था क्योंकि यह मेरा पहला फाइनल था. मैंने कल अपने भाई सौरभ से बात की थी. ’’
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