The Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) implement from Today
आगरालीक्स …….आज से अंग्रेजों द्वारा बनाए गए आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), बीएनएसएस और बीएसए लागू। आनलाइन कैसे कर सकते हैं एफआईआर, क्या हैं नए प्रावधान जानें। ( The Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) implement from Today)
अंग्रेजों द्वारा बनाए गए 1860 में बने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), 1974 में क्रिमनल प्रोसिजर कोड और 1872 के एविडेंस एक्ट की जगह भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली लागू हो गई है। आईपीसी की जगह अब भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज होगा। इसके साथ ही क्रिमनल प्रोसीजर एक्ट की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम बीएसए लागू हो गया है।
आनलाइन दर्ज करा सकेंगे एफआईआर
छोटे और बड़े अपराध के लिए आनलाइन एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। इसके लिए संबंधित राज्य की पुलिस वेबसाइट पर जाकर ई एफआईआर के विकल्प को चुनने के बाद एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। एफआईआर की कॉपी के साथ ही उसकी प्रोग्रेस सीसीटीएनएस सिटीजन पोर्टल से चेक कर सकेंगे।
ये मिलेगी सहूलियत
छोटी घटनाओं से लेकर हत्या, लूट और दुष्कर्म के मामले में आनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकेंगे
एक जिले में हुए अपराध की जीरो एफआईआर दूसरे जिले में दर्ज कराई जा सकेगी, अभी तक पुलिस दूसरे जिले का मामला होने के कारण पुलिस टकरा देती थी
एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच सहित अन्य जानकारी मोबाइल पर एसएमएस के जरिए मिलेगी।
दुष्कर्म के मामलों में फांसी
महिला अपराधों को लेकर सख्त कानून बनाया गया है, दुष्कर्म के मामलों में न्यूनतम 10 साल से अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान है। पीड़िता जहां चाहेगी वहां जाकर पुलिस को बयान दर्ज करना होगा। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में न्यूनतम 20 साल से फांसी तक की सजा का प्रावधान है।