आगरालीक्स…(7 August 2021 Agra News) आगरा में मुनिश्री प्रणम्य सागर ने कहा पुण्य का फल मिलना आसान नहीं, और मिले तो उसे संभालना आसान नहीं
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आज शनिवार को एमडी जैन इंटर कॉलेज ग्राउंड हरीपर्वत में श्री पार्श्वकथा के चौथे दिन चक्रवर्ती सम्राटों के वैभव का वर्णन करते हुए मुनि श्री ने बताया कि चक्रवर्ती की सम्पत्ती मे नौ निधि व 14 रत्न होते हैं, वे इतने होते हैं कि संभाले नहीं संभलते. बहुत पुण्य से यह सब मिलते हैं, परन्तु जो बड़ा अंदर से होता है, गुणवान होता है, झुकना जिसे आता है वही इस संपत्ति को संभाल सकता है. सुभौम चक्रवर्ती का उदाहरण देते हुये उन्होंने कहा कि उन्हें घमंड आ गया और इच्छित वस्तु न मिलने मात्र से रसोईये पर क्रोध आ गया, जिस कारण रसोइये की मृत्यु हो गई. उसी रसोइया ने देव बनकर उनसे नवकार मन्त्र की अवज्ञा करा नर्क योनी की राह दिखादी. परन्तु भगवान पार्श्वनाथ ने पूर्व भव में वज्रनाभी चक्रवर्ती पद को भी पाकर अपने आप को भूले नहीं और चक्रवर्ती की अतुल्य सम्पत्ती को क्षण भर मे त्याग,मुनि पद धारण कर अपने अगले भवो को सुन्दर, बनाने मे लग गये. इसीलिये संपत्ति, सत्ता आ जाने से इंसान को भी उसके नशे में नहीं आना चाहिए और सदैव झुक कर रहना चाहिए, जैसे कि फलदार वृक्ष.
इन्हें मिला प्रक्षालन का सौभाग्य
आज की सभा के पुन्यार्जक जयपुर हाउस व राजामन्डी शैली रही. मुनिराज का पाद प्रक्षालन का सौभाग्य संजय जैन, रेनू जैन एनके एक्सपोर्ट राजा की मंडी परिवार को प्राप्त हुआ. भगवान पार्श्वनाथ की मंगल आरती करने का सौभाग्य जितेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार जैन, जयपुर हाऊस को मिला. चित्र अनावरण डा सुरेशचन्द जैन, दीपक जैन, अजय जैन को मिला एव दीप प्रज्वलन राजकुमार जैन व सुबोध जैन बड़जात्या, राहुल जैन, निर्मल जैन ने किया. इस कार्यक्रम का संचालन मनोज जैन के द्वारा किया गया. संगीतमय दीपक जैन एवं संस्कृति जैन के द्वारा किया गया. इस मौके पर श्रमणसंस्क्रती संस्थान सांगानेर, जयपुर से पधारे उत्तमचन्द पाटनी अनिल बिलाला, प्रदीप जैन पीएनसी,जगदीश प्रसाद जैन,सुनील जैन ठेकदार राकेश पर्देवाले,निर्मल मोठ्या मीडिया प्रभारी शुभम जैन समस्त आगरा सकल जैन समाज के लोग मौजूद रहा.