आगरालीक्स(12th August 2021 Agra News)… मुक्ति की प्राप्ति का एक ही उपाय है और एक ही रास्ता है, वह है जैन दर्शन। एमडी जैन इंटर कॉलेज ग्राउंड में श्री पार्श्वनाथ कथा में श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज ने कहा…।
मुक्ति का एक ही उपाय है
योग मुनि ने कथा के नौंवे दिन कहा कि सारी प्रजा और सारे परिवार का राग और अनुराग छोड़कर आज राजा आनंद ने मुनि दीक्षा ले ली है। मुक्ति की प्राप्ति का एक ही उपाय है, एक ही रास्ता है। वह है जैन दर्शन। जैन धर्म के अनुसार दिगम्बर मुनि दिगम्बर श्रमण दीक्षा धारण करके 12 व्रत और पांच महाव्रत धारण करते हैं। मुनि जीवन किस प्रकार का होता है, मुनिराज अपना जीवन कैसे जीते है, मुनिराज के पास न कोई राग है और न कोई रागिनी। न गीत है, न संगीत, फिर भी उनका मन वनों मे जंगलों में, आत्मा में कैसे लगता है। कौन सा साधन अपनाते हैं, जिसके माध्यम से वह कठोर जीवन भी बहुत आनंद पूर्वक जीते हैं।
मुनिराज 12 तपों को धारण करते हैं
एक जन्म में आपको यह सीखना पड़ेगा तो एक जन्म में यह ज्ञान प्राप्त करना पड़ेगा। शायद यही जन्म में आपको यह सौभाग्य मिल गया है। तपना ही जिनके जीवन का लक्ष्य है, तप के माध्यम से जो अपने जीवन को चलाते हैं, बाहर से भीतर से तपना है, अपने को सुखाना है और जब बिल्कुल सूखा लेते हैं, तब भीतर आत्मा में से कुछ इस प्रकार का रस निकलेगा कि वह कभी भी नहीं सूखता। अनंत काल तक उस रस का अनुभव और आनंद वह करता रहेगा। इस तरह तप करके जो अपने जीवन को तपाते हैं, ऐसे वे मुनिराज 12 तपों को धारण करते हैं।
इन्होंने किया शुभारंभ
इस कार्यक्रम का शुभारंभ तार की गली शैली के द्वारा भक्ति नृत्य प्रस्तुत कर किया गया। चित्र अनावरण और दीपप्रज्वलन पंकज जैन, रविंद्र जैन, पुनीत जैन, राजकुमार बड़जात्या, नरेन्द्र जैन, पवन बाकलीवाल ने किया। मुनिराज का पादप्रक्षालन विमल जैन और दिलीप जैन बड़जात्या ने किया। मुनिराज को शास्त्र भेंट मथुरा चौरासी कमेटी के सदस्यों ने किया। बाहर से आए अतिथियों का स्वागत आगरा दिगंबर जैन परिषद के महामंत्री सुनील जैन, निर्मल मौठया, संजय जैन ने किया। मुनिराज की मंगल आरती चितरजन जैन, मनोज बाकलीवाल, संदीप बाकलीवाल के परिवार ने की। कार्यक्रम का संचालन मनोज जैन ने किया।