आगरालीक्स… श्रावण मास के सावन का तीसरा सोमवार साध्य योग लेकर आ रहा है। इस योग को साधना और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। इस दिन जगत पिता भोलेनाथ का किस प्रकार पूजन करना चाहिए जिससे मिले पूर्ण लाभ और संतुष्टी।
शिवजी की कृपा से दूर होती है हर पीड़ा
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न के ज्योतिषाचार्य पं.हृदय रंजन शर्मा बताते हैं सोमवार को भगवान् शिवजी का प्रिय दिवस को माना जाता है, सोम का अर्थ है चंद्रमा जो शिवजी के जटा पर विराजित है, शिवजी से बड़ा इस जगत में कोई नही है, शिवजी ही सही मायने में जगतेश्वर है, यह शक्ति से परे नही है, बल्कि इनका ही नारी रूप है शक्ति, अर्धनारेश्वर रूप जिसमे शिवजी आधे पुरुष और आधे स्त्री है।
🍁 शिवजी की कृपा से ही सांसारिक और मानसिक पीड़ा समाप्त हो जाती है, मनुष्य अपने जीवन काल में परब्रह्म को प्राप्त कर सकता है, सोमवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके सोमवार के व्रत का संकल्प ले कर शिवालय में जाकर सबसे पहले शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
🍁”ओउम् महाशिवाय सोमाय नम:” इस महामंत्र का जप करें, उसके बाद गाय के शुद्ध कच्चे दूध से शिवलिंग पर अभिषेक करे, यह करना मनुष्य के तन मन धन से जुडी परेशानियों को ख़त्म करता है, शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाये जिससे नौकरी या व्यवसाय से जुड़ी सभी समस्याओं सुलझ जाती है, पुष्प, धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक करे, शिवजी की आरती करे और अपनीमनोकामना पूर्ति की दिल से प्रार्थना करें।
🏵रूपं देहि जयं देहि भाग्यं देहि महेश्वर:।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे।।
🍁 जब सब संकटों से आप घिरे हो और हर तरह के यतन करने के बाद भी समाधान नही मिल रहा हो, तब एक अंतिम मार्ग आप शिवजी की भक्ति और शिवजी की आराधना भी कर के देख ले, जैसा की आप सभी जानते है भोले बाबा सबसे जल्दी अपने भक्तो का संकट दूर करते है और जल्द ही प्रसन्न होते है।
🏵 कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं।
सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि।।
🍁 आरती के बाद यह मंत्र अवश्य पढे, भोले बाबा से पुराने कर्मो के लिए क्षमा मांगकर दुखों से मुक्ति व रक्षा की कामना करें, शिवजी ही सबसे सरल स्वभाव और मोहमाया से दूर रहने वाले देव है, वे कलश भर पानी और आसानी से मिल जाने वाले बिल्वपत्र धतूरे से प्रसन्न हो जाते है।
🍁 शिवजी की पूजा से मनुष्य को सभी सुखों का आनन्द प्राप्त होता है, यह सांसारिक और पारलोकिक आनन्द देने वाले देवता है, अकाल मृत्यु को इनकी कृपा से दूर किया जा सकता है, धार्मिक मान्यता है कि सोमवार को शिवजी को खासतौर पर तीन पत्ती वाले बिल्वपत्र अर्पित करें।
🍁 पीले चन्दन से ॐ बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से पाप का नाश होता है, साथ ही साथ मनुष्य को भौतिक और मानसिक शांति सफलता प्राप्त होती है, और घर में सदैव लक्ष्मीजी का निवास होता है, बिल्वपत्र पर ॐ लिखकर एक एक बिल्बपत्र शिवजी पर अर्पण करे और बिल्बाष्टकम मंत्र का उच्चारण करे, उसके बाद शिवजी की आराधना करे और अंत में सफल जीवन और अपने परिवार के लिए सुख शांति की आराधना करें।
🏵त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं त्रयायुधम्।
त्रिजन्म पापसंहारंमेकबिल्वं शिवार्पणम।।
🍁 भगवान् शिवजी के शिवलिंग पूजा में दूध के साथ भांग और धतुरा अर्पित करने की परम्परा है, माना जाता है की ये नशीली चीजे भोले को अति प्रिय है, धर्मग्रंथो के अनुसार भगवान शिवजी का वास कैलाश पर्वत है जो बर्फ से आच्छादित रहता है, यहा अति ठण्ड है, भांग का इस जगह सेवन करने से शरीर में एक गर्मी पैदा होती है, जो इस जगह में रहने में सुविधा प्रदान करती है।
🍁 घोर तपस्या करने वाले भगवान् शिवजी जब भांग का सेवन करते है तो उन्हें इस तपस्या में सुलभता प्राप्त होती है, भांग और धतुरा बिल पत्र यह सब दूध के साथ जब देवी देवताओ ने भोलेनाथ को पिलाया तब हलाहल विष से उनके गले को आराम मिला तब से यह परम्परा बन गयी की उन्हें यह चीजे अर्पित की जाने लगी।