Typical fracture cases discuss in AOS mid Term Symposium in Agra
आगरालीक्स ..आगरा में देश भर के अस्थि रोग विशेषज्ञों ने फ्रैक्चर के गंभीर केस पर विचार विमर्श किया, कैसे टूटी हडडी को जोडें और मरीज पहले ही तरह से जिंदगी जी सके, इसे लेकर डिस्कशन हुआ।
रविवार को होटल क्लार्क शिराज में आगरा आर्थोपेडिक सोसायटी और यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा मिड टर्म सिम्पोजियम आयोजित किया गया। इसमें इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ शिवाशंकर ने मरीजों के सस्ते और बेहतर इलाज पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कई बार केस बिगड जाते हैं, इस तरह के मामलों में सावधानी बरतनी होती है।
कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण के रिजल्ट अच्छे
नयति ग्रुप के अस्थि रोग विभाग के चेयरमैन डॉ राजीव शर्मा ने कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण की तकनीकी में आए बदलाव और फास्ट रिकवरी के लिए क्या करना चाहिए, सिरेमिक इम्प्लांट के क्या फायदे हैं, इस पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि अब कूल्हा और घुटना प्रत्यारोपण में दर्द नहीं होता है, मरीज की दो से तीन दिन में छुटटी कर दी जाती है। 20 से 30 साल तक मरीज इन घुटनों से चल सकता है। डॉ रजत कपूर ने बताया कि मिड टर्म सिम्पोजियम में नई तकनीकी पर चर्चा की गई। आयोजन अध्यक्ष डॉ अरुण कपूर, सचिव डॉ संजय धवन, डॉ डीवी शर्मा, डॉ सीपी पाल, डॉ रजत कपूर, डॉ अनुपम गुप्ता, डॉ अश्वनी सडाना, डॉ केएस दिनकर आदि मौजूद रहे।