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UPPSC selected candidates of Agra: Stuti singh Deputy SP, Komal Jail superintendent
आगरालीक्स.. आगरा की बेटियों ने यूपीपीएससी में परचम लहराया है, स्तुति सिंह डिप्टी एसपी, कोमल जेल सुपरटेंडेंट के पद पर चयन के साथ ही कई अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।
स्तुति सिंह का डिप्टी एसपी के पद पर चयन
शहर की लॉयर्स कॉलोनी निवासी स्तुति का यूपीपीएससी में ये दूसरा प्रयास था। इससे पहले वह 2016 में भी परीक्षा दे चुकी हैं। स्तुति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से बॉटनी में बीएससी ऑनर्स किया है।
हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई आगरा के सेंट पैटिक जूनियर कॉलेज से की है। स्तुति ने बताया कि तैयारी के दौरान वह रोजाना दस घंटे पढ़ाई करती थीं। परीक्षा के समय 16 घंटे तक पढ़ाई की है। वह आइएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं।
कोमल का जेल सुपरटेंडेंट के पद पर चयन
शहर के सूर्यनगर निवासी कोमल का जेल सुपरटेंडेंट के पद पर चयन हुआ है। कोमल ने होली पब्लिक स्कूल, सिकंदरा से इंटर तक की पढ़ाई की है।
इसके बाद डीईआइ से बीबीएम और एमबीए की है। पिता ज्ञानचंद्र मंगलानी बिजनेसमैन हैं, जबकि मां ऊषा मंगलानी हाउस वाइफ हैं। कोमल ने बताया कि उन्होंने 2013 से 2016 तक सिविल की तैयारी की थी। वह आइएएस के इंटरव्यू तक भी पहुंची हैं, लेकिन फाइनल लिस्ट में सात नंबर कम रहने से चयन नहीं हुआ। कोमल ने बताया कि यूपीपीएससी का ये उनका चौथा अटेंप्ट था। वह आइएएस बनना चाहती हैं और इसके लिए प्रयास जारी रखेंगी।
सरिता का नायब तहसीलदार पद पर चयन
कमलानगर की रहने वाली सरिता का नायब तहसीलदार पद पर चयन हुआ है। सरिता ने श्री सनातन धर्म गल्र्स इंटर कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई की है। हाईस्कूल में 68 और इंटर में 70 फीसद अंक आए थे। आरबीएस कॉलेज में एमएससी बायोटेक की पढ़ाई के बाद उन्होंने वर्ष 2015 से सिविल परीक्षाओं के लिए तैयारी शुरू की थी। पिता कुंवर साहब किसान और मां सावित्री देवी गृहिणी हैं।
आशीष का कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर पद पर चयन
शहर के पश्चिमपुरी निवासी आशीष का चयन कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर के पद पर हुआ है। आशीष माथुर के पिता केशव दयाल माथुर पीएनबी बैंक में सीनियर मैनेजर हैं। मां मीना भारती गवर्नमेंट शिक्षक। आशीष ने बताया कि उन्होंने सिंपकिंस से हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई की है। इसके बाद एनआइटी, श्रीनगर से बीटेक करने के बाद उनका प्लेसमेंट टाटा मोटर्स में हो गया था। इस समय वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं। दूसरा प्रयास में सफलता हासिल करने वाले आशीष ने बताया कि उन्होंने जॉब के दौरान ही सिविल परीक्षा की तैयारी की थी।