Waqf Board declare Taj Mahal Waqf property in 2005, SC Stay
आगरालीक्स …देश भर में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस छिड़ी है, क्या आप जानते हैं कि ताजमहल को 2005 में वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था। वक्फ बोर्ड द्वारा ताजमहल को वक्फ संपत्ति घोषित करने के खिलाफ एएसआई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था, जिसके बाद आदेश पर रोक लगा दी थी। ( Waqf Board declare Taj Mahal Waqf property in 2005, SC Stay)
मीडिया रिपोर्ट में एएसआई के अधिकारियों के अनुसार बताया गया है कि 1998 में मोहम्मद इरफान बेदार ने 1998 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए ताजमहल को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड जाने के लिए कहा था, वक्फ बोर्ड ने एएसआई को नोटिस जारी किया था।
2005 में ताजमहल को घोषित कर दिया था वक्फ संपत्ति
एएसआई ने वक्फ बोर्ड के नोटिस के जवाब में कहा था कि ताजमहल उसकी संपत्ति है। आपत्ति को दरकिनार करते हुए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 2005 में ताजमहल को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी रोक
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा ताजमहल को वक्फ संपत्ति घोषित करने पर एएसआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, इसके बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट का समय बर्बान नहीं करना चाहिए। यह कौन विश्वास करेगा कि ताजमहल वक्फ संपत्ति है, वक्फ बोर्ड शाहजहां के दस्तखत वाला वक्फनामा भी पेश नहीं कर पाया था। 1954 में वक्फ एक्ट बनने के बाद वक्फ बोर्ड बना था जबकि ताजमहल को बहुत पुराना है। वक्फ बोर्ड मजारों, मदरसों और मस्जिदों के लिए छोड़ी गई जमीन के संरक्षण की देखरेख के लिए हुई थी।