आगरालीक्स…(29 August 2021 Agra News) आगरा में सिंधी समाज की महिलाओं ने मनाया थद्डी पर्व. मां शीतला की स्तुति गान कर की गई प्रार्थनाएं…
आगरा में रविवार को सिंधी समाज की ओर से थद्डी पर्व मनाया गया. सिंधी शक्ति संगठन, आगरा के अध्यक्ष सुशील नोतनानी ने बताया शनिवार को पर्व की पूरी तैयारी कर रविवार को इसे मनाया गया. उन्होंने बताया कि सिंधी थद्डी शब्द का सिंधी भाषा में अर्थ है (ठंडी शीतल).
एक दिन पहले बनाए जाते हैं व्यंजन
थद्डी से एक दिन पहले रात को मीठा लोला (मीठी रोटी), कोकी, दाल का पराठा, मसाले वाली बेसन की रोटी, पालक, पकोड़े, बूंदी का रायता आदि व्यंजन बनाये जाते है. रात को सोने से पूर्व चुल्हे पर जल छिड़क कर हाथ जोड़कर पूजा की जाती है. इस तरह चुल्हे को ठंडा किया जाता है और दूसरे दिन पूरा दिन घरों में चुल्हे नहीं जलाया जाता है. एक दिन पहले पकाया हुआ ठंडा भोजन ही ग्रहण किया जाता है.
इस दिन सिंधी समाज की महिलाएं माँ शीतला की स्तुति गान कर दुआ करती हैं.
“ठार माता ठार पहिंने बचड़नि खे ठार,
मता अगें भी ठारियो थई भी ठार|”
(है माता मेरे बच्चों को शीतलता देना, आपने पहले भी ऐसा किया है आगे भी ऐेसा करना)।
ऐसी मान्यता है कि इस त्योहार के दिन ठंडा भोजन ग्रहण करने पर वर्ष भर घर में सुख शांति बनी रहती है। थद्डी वाले दिन औरतें नहाते वक़्त अपने सिर पर सात लौटी पानी डालकर नहाती हैं और फिर भीगे हुए काले चने और मीठी रोटी को ब्राह्ममण के यहाँ ले जाकर पूजा करती हैं और फ़िर घर आकर (अखड़ी) के ऊपर टीका और मक्खन लगाकर घर के सभी लोग पूजा करते हैं और फिर सारा दिन मीठी रोटियां खाकर आनंद का अनुभव करते हैं.