आगरालीक्स(14th September 2021 Agra News)… शुक्ल पक्ष का बुधवार कल. भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने को करें ये उपाय. भगवान गणपति के ये मंत्र बच्चों को कैसे लाएंगे सही मार्ग पर, जानें.
ऐसे करें पूजा
भगवान गणेश जी की पूजा करने से हर प्रकार की संतुष्टि मिलती है। ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि शुक्ल पक्ष के बुधवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। भगवान गणपति की फोटो को पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके रखें। उनके सामने गाय के घी का दिया जलाएं और लाल फल भी रखें। एक तांबे के लोटे में जल भरकर रखें और रुद्राक्ष की माला से ॐ सद्बुद्धि प्रदायै नमः मंत्र का पांच माला जाप करें। जाप के बाद भगवान गणपति को लाल फल अर्पण करें और वह जल अपने बच्चों को जरूर पिलाएं।
इन मंत्र को जपने से नौकरी और व्यापार में परेशानी खत्म होगी
उन्होंने बताया कि सुबह के समय स्नान करके साफ हल्के लाल या पीले कपड़े पहनें। भगवान गणपति के चित्र को लाल रंग का कपड़ा बिछाकर रखें। भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करें। भगवान गणपति के सामने दीया जलाएं और लाल गुलाब के फूल भगवान गणपति चढ़ाएं। पूजा में तिल के लड्डू गुड़, रोली, मोली, चावल, फूल, तांबे के लोटे में जल, धूप, प्रसाद के तौर पर केला और मोदक रख लें।
भगवान गणपति के सामने धूप दीप जलाकर ये मंत्र पढ़ें
गजाननं भूतगणादि सेवितं ,कपिथ जंबू फलम चारू भक्षणम
उमासुतं शोक विनाशकारकम, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम।।
यह मंत्र कम से कम 108 बार जरूर पढ़ें. इससे नौकरी, व्यापार आदि में लाभ जरूर होगा।
रुके हुए धन को प्राप्त करने का महामंत्र
भगवान गणपति के पीले रंग की मूर्ति को स्थापित करें। हर रोज पीले मोदक चढ़ाएं। पीले आसन पर बैठकर ॐ हेरम्बाय नमः मन्त्र का 108 बार जाप करें। यह प्रयोग लगातार 27 दिन तक करें।
रुका हुआ पैसा आपको जरूर प्राप्त होगा
बुधवार के दिन से 27 हरी दूर्वा की पत्तियां एक कलावे से बांधकर प्रतिदिन गणेश जी को चढ़ाएं और वक्रतुण्डाय हुं मन्त्र का 27 बार जाप करें। ऐसा लगातार 27 दिन तक करें मनचाहा वरदान अवश्य मिलेगा और भगवान गणपति के किसी भी स्तोत्र को अवश्य पढ़ें।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि श्रीगणेश के पूजन का ज्योतिषीय महत्व भी है। गणपति जी विद्या और बुद्धि के देवता हैं अर्थात ग्रहों में बुध के देवता और केतु भी इन्हीं की कृपा पाकर शुभ फल देता है। अत: कुंडली में बुध और केतु के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से गणेश आराधना करनी चाहिए। खास तौर से विद्यार्थी वर्ग, शिक्षक, पत्रकार, वक्ता, संचालक, लेखक आदि के लिए भगवान गणेश ईष्ट माने गए हैं क्योंकि इन्हीं की कृपा से बुध के शुभ प्रभावों के चलते जातक ऐसे क्षेत्रों में जाकर तरक्की करता है।
तर्कशक्ति कमजोर है तो करें आराधना
अगर आपकी वाणी में कोई दोष है, तर्कशक्ति कमजोर है, ज्ञान की कमी है, विवेक से काम नहीं ले पाते, जो बोलते हैं वह अनुचित होता है या फिर प्रभावी नहीं होता, लेखन करना चाहते हैं लेकिन लेखन में प्रखरता नहीं आती तो आपको गणेश आराधना करनी चाहिए।
वाणी में आ सकता है निखार
कुंडली में बुध की शुभता को बढ़ाकर आप विद्या, बुद्धि और वाणी को निखार सकते हैं। इसके साथ ही अपनी लेखन क्षमता को भी प्रभावी बना सकते हैं। यही कारण है कि कला के क्षेत्र में सबसे अधिक मां सरस्वती और भगवान गणेश का पूजन होता है