Agra News: The Christian community became emotional remembering Jesus on
You May Leave Now: A story of youth from Agra
आगरालीक्स …..आज का युवा की जिंदगी में संघर्ष है, लेकिन वह हार मानने को तैयार नहीं है। इसी जोश और जुनून से वह सफलता की सीढी पर चढ रहा है। एक युवा की जिंदगी के हर पहलू को आगरा के युवा लेखक अंशुल शर्मा ने अपने तीसरे उपन्यास यू मे लीव नाऊ में शब्दों में बयां किया है। उनके उपन्यास यू मे लीव नाऊ का विमोचन शनिवार को यूथ हॉस्टल में आगरा कालेज, अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष एनके घोष ने किया। इस मौके पर उन्होंने लेखक अंशुल शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद है आज की युवा पीढ़ी इस उपन्यास को पढ़कर कुछ न कुछ सकारात्मक चीजें ग्रहण करेगी। वरिष्ठ पत्रकार बृज खंडेलवाल ने अंशुल शर्मा का परिचय देते हुए कहा कि यह आगरा के लिए गौरव की बात है कि अंशुल जैसे युवा अपने साथ-साथ अपने लेखन के जरिए न सिर्फ खुद बल्कि आज की पीढ़ी को भी नई दिशा देने का काम कर रहे हैं। निसंदेह इस उपन्यास को पढ़कर आज की पीढ़ी को अपना करियर बनाने में कहीं न कहीं सहायता अवस्य मिलेगी। संचालन शिव प्रताप ने किया। इस मौके पर अंशुल शर्मा के माता पिता ममता शर्मा, विनोद कुमार शर्मा के अलावा श्रवण कुमार, पद्मिनी, अजय सिंह, अजय शर्मा, अजय राठौर, अमीन उस्मानी, अनुज शर्मा, महेन्द्र पाल, सत्य प्रकाश, धीरज शुक्ला, दीपक सिंह आदि मौजूद थे।
कभी हार मान कर न रुकें
यू मे लीव नाऊ के लेखक अंशुल शर्मा कहते हैं कि मेरी उपन्याय में ज्यादातर खुद मेरे अनुभव हैं। इसलिए मैं आज की युवा पीढ़ी को यह संदेश देना चाहता हूं कि कभी हार मान कर रुकें नहीं। क्योंकि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। कितनी भी स्ट्रगल करो लेकिन आपकी सुबह हमेशा मुस्कुराहट के साथ शुरू होनी चाहिए। सबसे पहले अपनी रुचि को जाने और उसी क्षेत्र में अपना करियर बनाएं तो बेहतर होगा। उन्होंने आज की शिक्षा प्रणाली (विशेषकर उत्तर भारत की) पर प्रहार करते हुए कहा कि कई तकनीकि कोर्स मोटी फीस वसूल कर कराए जाते हैं। लेकिन वहां न तो सही ज्ञान मिलता है और न ही कोर्स के बाद नौकरी। आज की युवा पीढ़ी की लम्बे समय तक नौकरी के लिए स्ट्रगल करने की शायद एक यह भी वजह है।