आगरालीक्स…. आगरा में के पॉश एरिया से एक छात्र का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी, छात्र के शव को दफनाने के बाद फिरौती मांगी।
आगरा के दयालबाग क्षेत्र के हजूरी बाग के सेवादार रामभरोसी का इकलौता बेटा 11 वर्षीय अंकित तीसरी कक्षा का छात्र था। हजूरी बाग में फूलों की खेती होती है और आठ सेवादारों के परिवार रहते हैं, यह कई बीघा में फैला हुआ है। रविवार सुबह वह घर के पास ही खाली जगह पर शौच को गया। इसके बाद उसका पता नहीं चला। परिजन उसकी तलाश करते रहे, इसी बीच परिजनों के पास डेढ लाख की फिरौती के लिए कॉल आई, उन्होंने जिस नंबर से फोन आया था, वह नंबर पुलिस को दे दिया, दोपहर में एक बार और फिरौती के लिए कॉल, पुलिस ने लॉकेशन ट्रेस करने के साथ ही ईएमआई नंबर से मोबाइल में दूसरी सिम से हो रही कॉल को ट्रेस किया।
पडोसी को पुलिस ने पकडा
पुलिस ने रामभरोसी के पडोसी 19 वर्षीय आकाश को पकड लिया, उससे पूछताछ की गई। पहले उसने पुलिस को गुमराह किया, वह भी सुबह से रामभरोसे के साथ ही उनके बेटे अंकित की तलाश में लगा हुआ था।
हत्या के बाद दफनाया शव
पुलिस की सख्ती के बाद आकाश ने अंकित की हत्या कर शव दफनाने की बात मान ली, लेकिन पुलिस को गुमराह किया, उसने पुलिस को बताया कि अंकित की हत्या कर शव पेड पर लटका दिया है। पुलिस वहां पहुंची तो शव नहीं था, लेकिन वहां एक गडढा था, उसे खोदा गया तो अंकित का शव निकल आया। आकाश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि शौच से लौटते समय अंकित से उसने कहा कि खेलने चलते हैं, अंकित आगे चल रहा था पीछे से आकाश ने सिर में बार किया, इससे वह गिर गया, इसके बाद ईंट से ताबडतोड बार कर उसकी हत्या कर दी और शव को पेड के पास गडढा खोदकर दफना दिया।
सीरियल देखकर अपहरण और हत्या, करता अय्याशी
शातिर दिमाग आकाश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके पिता राम निहारे जाटव तंत्र मंत्र का काम करते हैं। आकाश ने यह भी बताया कि वह फिरौती की रकम से अय्याशी करना चाहता था। उसने सीरियल देखकर प्लान बनाया। उसने बताया कि वह अंकित के घर पर ही टीवी देखता था। वहां उसने क्राइम पर आधारित सीरियल कई बार देखे।
इसमें ही उसने देखा कि अपहरण कर फिरौती वसूली जा सकती है। इसके बाद अपहरण की योजना बनाई। रविवार सुबह ही जंगल में फावड़ा पहुंचा दिया था। उसका पहले से इरादा था कि अगर फंसने का डर हुआ तो अंकित की हत्या कर देगा। उसने अंकित को ही अपहरण के लिए इसलिए चुना क्योंकि एक तो वह अपने परिवार का इकलौता बेटा था। दूसरा उसके रिश्तेदार पास में ही रहते हैं। उसे लगता था कि सब आपस में मिलकर 1.5 लाख को इकट्ठा कर ही लेंगे। आकाश इस रकम से हिल स्टेशन पर जाकर होटलों में अय्याशी करना चाहता था।
फिरौती अपने पड़ोसी को देना
आकाश ने फोन पर अपना नाम नहीं बताया था। बस यही कहा था कि शाम को सात बजे बताएगा कि फिरौती कहां पहुंचानी है। उसका प्लान यह बताने का था कि 1.5 लाख रुपये पड़ोस में रहने वाले किसी युवक को दे दो, वह लेकर उसके (अपहर्ता के ) पास आएगा। फिरौती मिलने पर वह इसे रख लेता और झूठ बोल देता कि अपहर्ता को दे आया। उसने यह नहीं सोचा था कि सात बजने से पहले ही पकड़ लिया जाएगा।
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