आगरालीक्स.. आगरा में भीषण हादसा, एंबुलेंस ट्रक में घुसी, चार लोगों की मौत। हादसे के बाद चीख पुकार मचने पर स्थानीय लोग पहुंच गए। एंबुलेंस के आगे के हिस्से के ट्रक में घुसने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
आगरा में शनिवार रात दस बजे एक ट्रक आगरा से फीरोजाबाद और एंबुलेंस ( एत्मादपुर से आगरा जा रही थी। एंबुलेंस के सामने अचानक गाय आ गई। उसे बचाने के लिए चालक ने स्टियरिंग बायीं ओर मोड़ा। तेज स्पीड में एंबुलेंस अनियंत्रित होकर डिवाइडर के दूसरी ओर पहुंच गई और सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। तेज गति से हुई टक्कर में एंबुलेंस के परखच्चे उड़ गए। आसपास के लोगों और पुलिस की मदद से आधे घंटे में एंबुलेंस में फंसे लोगों को निकाला गया। तब तक तीन लोगों की सांसें थम चुकी थीं। चौथे ने भी अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। चालक की शिनाख्त एत्माद्दौला के प्रकाश नगर निवासी 40 वर्षीय पप्पू के रूप में हुई। सवारियों में फरुखाबाद के रसीदाबाद निवासी 42 वर्षीय पप्पू पाल पुत्र कांता प्रसाद और फरुखाबाद के दारापुर निवासी 35 वर्षीय शहाबुद्दीन पुत्र जलील खां के रूप में शिनाख्त हुई। ये सभी आगरा में बेकरी में काम करते थे। चौथे मृतक की देर रात तक शिनाख्त नहीं हो सकी थी।

12 सितंबर को हादसे में पति पत्नी की मौत
12 सितंबर 2018 को आगरा में भीषण हादसे में पति पत्नी की मौत हो गई, नो एंट्री में घुसे ट्रक ने स्कूटी में पीछे से टक्कर मार दी, होटल कर्मी पति और उनकी पत्नी ट्रक के पहिए के नीचे आ गए। उनके दो बच्चे ट्रक की टक्कर के बाद दूसरी तरफ गिर गए, उनकी जान बच गई। आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया, नो एंट्री में ट्रक के आने पर पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की मांग करते हुए जाम लगा दिया।
शमसाबाद मार्ग स्थित रश्मि विहार में किराए पर रहने वाले 35 वर्षीय मदन मोहन मेरठ के एक होटल में कर्मचारी थे। छुट्टी पर घर आए मदन मोहन पत्नी राधा के साथ मंगलवार को बाजार से घर लौट रहे थे। राजेश्वर मंदिर के पास नो एंट्री में पीछे से आए ट्रक ने दंपती को स्कूटी समेत रौंद दिया। ट्रक ने सड़क पर अफरातफरी मचा दी। हादसे के बाद चालक ट्रक को लेकर भाग निकला। एक किलोमीटर दूर जाकर पुलिस ने उसे पकड़ा, चालक फरार हो गया। दंपती की मौत पर भीड़ ने जाम लगा तोड़फोड़ कर दी। एसपी सिटी प्रशांत वर्मा समेत शहर के सभी सीओ और थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। भीड़ ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। मृतक के परिजनों को मुआवजा और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद हरी शव उठाने पर अड़ गई। जब रात में चौकी प्रभारी शहीद नगर अरुण बालियान को हटाने की मांग मान ली तभी रात डेढ़ बजे शव उठने दिए गए।
बच्चे बच गए, हो गए अनाथ
हादसे में मदन मोहन और उनकी पत्नी राधा की मौत हो गई, उनके तीन साल का बेटा और दो साल की बेटी है। दंपती की से दोनों अनाथ हो गए। इससे लोगों में आक्रोश है।