आगरा के खेरागढ उंटगिरि में प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और आंगनबाडी केंद्र चलता है। यहां सुबह नौ बजे बच्चों को मिड डे मील में एक एक चमचा दूध दिया गया। दूध कडवा होने पर कुछ बच्चों ने मना किया तो शिक्षकों ने हाथों पर संटी मारते हुए दूध पीने के लिए कहा, दूध पीने के कुछ देर बाद ही उल्टी, पेट दर्द और गले में दर्द होना लगा। कुछ बच्चों को खून की उल्टी भी हुई। इससे अफरा तफरी मच गई। एंबुलेंस से स्कूल के करीब 100 बच्चों को खेरागढ सीएचसी लाया गया।
जिला अस्पताल में 25 बच्चे
खेरागबढ से जिला अस्पताल में 25 बच्चे रेपफर किए गए हैं। इसमें से 10 बच्चों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। जबिक चार बच्चे एसएन में भर्ती हैं। इसमें से अमित, रेशमा, करन और भोलू की हालत गंभीर है।
दूध में यूरिया होने की आशंका
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को सिंथेटिक दूध पिलाए जाने से तबीयत बिगडी है। दूध बनाने के लिए यूरिया का इस्तेमाल किए जाने से बच्चों को चक्कर आए थे और उल्टी हुई हैं। दूध के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
शिक्षक गायब, शिक्षक संघ कर रहा विरोध
इस घटना के बाद स्कूल के शिक्षक गायब हो गए हैं। जबकि शिक्षक संघ मिड डे मील में दूध दिए जाने का विरोध कर रहा है। उन्होंने इस तरह की अनहोनी की आशंका भी जताई थी।
3 .20 रुपये में दूध और कोफृता
इस घटना के बाद शासन की नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रत्येक बच्चे के लिए 3. 20 रुपये दिए जा रहे हैं, जिससे 250 एमएल दूध और कोफृता देना है जो संभव नहीं है, दूध का रेट ही 42 से 50 रुपये तक है और इसमें चीनी भी मिलानी है।
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