आगरालीक्स…(12 December 2021 Agra News) गर्भवती महिलाओं के लिए एनीमिया जानलेवा तक बन रहा है. इसमें लापरवाही बन रही बड़ी वजह. विशेषज्ञों ने दी कई महत्वपूर्ण जानकारियां…
एओजीएस की ओर से आयोजित हुई कार्यशाला
स्त्री रोग विशेषज्ञों की संस्था आगरा आॅब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटी (एओजीएस) द्वारा गर्भवती महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) को लेकर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि अगर लापरवाही बरती जाए तो एनीमिया गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा बन सकता है। संजय प्लेस स्थित होटल पीएल पैलेस में रविवार रात आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। गर्भावस्था में एनीमिया पर पैनल डिस्कशन हुआ। विशेषज्ञ पैनलिस्ट डा. संध्या अग्रवाल ने कहा कि प्रसूता और नवजात की मृत्यु दर काफी कम हो जाएगी अगर जानकारी को और बढ़ाया जाए।

डॉक्टर्स ने दी ये जानकारियां
डा. सरोज सिंह ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और परिवारों को खून की जांच, कमी पाए जाने पर दवाओं और इलाज की प्रक्रिया का सही तरीके से पालन करने पर जागरूक होना होगा। एओजीएस कीं अध्यक्ष डा. आरती मनोज ने बताया कि कार्यशाला का मकसद गर्भवती महिलाओं और नवजात को खून की कमी से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना। चिकित्सकों के बीच आपसी अनुभवों को साझा करना, इलाज के आधुनिक तरीकों और दवाओं पर चर्चा करना है। सचिव डा. सविता त्यागी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और शिशु को एनीमिया से होने वाले नुकसान की वजह से ही एओजीएस शहर में 10 स्थानों पर खून की जांच और आयरन टेबलेट के वितरण को लेकर कैंप आयोजित करती है। यह शिविर लगातार आयोजित होते हैं और महिलाओं व उनके परिवारीजनों के ज्ञान का स्तर बढ़ाने की कोशिश की जाती है। पैनल डिस्कशन में मुख्य रूप से डा. शिवानी शिखा, डा. गायत्री गुप्ता, डा. दिव्या यादव, डा. अनु पाठक, डा. निधि बंसल शामिल रहे। मध्यस्थता गोरखपुर कीं डा. साधना गुप्ता ने की।
बार-बार होने वाले गर्भपात को लेकर दी जानकारी
दूसरे सत्र में यूएसए से आईं डा. जया पंचोली ने इंटीग्रेटिड एनर्जी मेडिसिन फाॅर वूमेन हैल्थ विषय पर जानकारी दी। कहा कि हाॅलिस्टिक एप्रोच से कई तरह की शारीरिक समस्याओं को रोका जा सकता है। तीसरे सत्र में डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने बार-बार होने वाले गर्भपात को लेकर जानकारी दी। कहा कि ऐसा होने के कई बडे़ कारण हैं। यदि सही समय पर डाॅक्टर से परामर्श लेते रहें, आवश्यक जांचें कराते रहें, दवाएं सही समय पर लेते रहें तो इससे बचा जा सकता है। जानकारी का अभाव यहां भी आड़े आता है। इस सत्र की अध्यक्षता डा. अल्का सारस्वत और डा. रत्ना शर्मा ने की। संचालन डा. रचिता कोहली और डा. केया पाराशर ने किया।