आगरालीक्स….आगरा में व्यापारी की हत्या, शव पोस्टमार्टम हाउस में रखा रहा, चार दिन से तलाश में जुटे रहे परिजन। तीन अरेस्ट, पुलिस पर गंभीर आरोप। हंगामा, वीडियो के लिए क्लिक करें।

आगरा के कालिंदी विहार थाना ट्रांस यमुना कालोनी निवासी विनोद गुप्ता का आर्टिफिशियल चांदी की पायल का काम है, 27 जुलाई को उनके मोबाइल पर फोन आया। वे रात साढ़े आठ बजे 10 मिनट में आने की बात कहकर घर से चले गए, 15 मिनट बाद उनके मोबाइल पर फोन किया। मोबाइल के स्विच आफ आने पर परिजनों ने तलाश की। व्यापारी विनोद गुप्ता का पता न चलने पर परिजन थाना ट्रांस यमुना पहुंचे, आरोप है कि उनकी गुमशुदगी नहीं लिखी गई, कहा कि कहीं चले गए होंगे आ जाएंगे। 24 घंटे बाद भी नहीं मिलें तो गुमशुदगी लिखाने के लिए आ जाना।
अगले दिन यमुना में मिला शव, अज्ञात में पोस्टमार्टम हाउस में रखा रहा
अगले दिन 28 जुलाई को विनोद गुप्ता का शव यमुना में मिला, पुलिस ने अज्ञात में शव पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। इधर, परिजन विनोद गुप्ता की तलाश में जुटे रहे, थाने के चक्कर लगाए। गुमशुदगी लिख ली गई। आरोप है कि पुलिस ने तलाश करने के लिए गाड़ी के लिए डीजल के पैसे मांगेे।
दोस्तों ने की हत्या, तीन अरेस्ट
एक अगस्त को विनोद गुप्ता के परिजनों को बताया कि पोस्टमार्टम हाउस में अज्ञात में शव है, परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे तो शव विनोद गुप्ता का निकला। इसके बाद पुलिस ने भी जांच तेज कर दी, परिजनों ने विनोद गुप्ता के दोस्त अनिल पर तीन लाख रुपये का कर्जा वापस न करने और हत्या करने के आरोप लगाए थे। पुलिस ने अनिल के साथ ही विनोद गुप्ता की हत्या में शामिल रोहित और पुरोहित को पकड़ लिया। डीसीपी सूरज राय ने बताया कि अनिल पर विनोद गुप्ता के एक लाख रुपये थे, वह पैसे वापस नहीं कर पा रहा था और विनोद गुप्ता अपने रुपये मांग रहा था। उसने अपने साथी रोहित और पुरोहित के साथ मिलकर विनोद गुप्ता की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव यमुना में फेंक दिया।
परिजनों ने थाने में किया हंगामा
विनोद गुप्ता की बेटी शैली ने आरोप लगाए कि पुलिस झूठ बोलती रही कि विनोद गुप्ता का पता चल गया है जल्द ही उनकी बरामदगी हो जाएगी। पुलिस ने डीजल के लिए पैसे मांगने और रिश्वत लेने के भी आरोप लगाते हुए थाना ट्रांस यमुना में जमकर हंगामा किया।