आगरालीक्स…पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह को भारत रत्न मिलने पर विवि में उनके व्यक्तित्व पर की गई चर्चा.
डा भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा की चौधरी चरण सिंह शोध पीठ द्वारा सेठ पदमचंद जैन संस्थान में आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न दिए जाने के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित चौधरी चरण सिंह महाविद्यालय, छपरौली बागपत के प्राचार्य प्रोफेसर प्रतीत कुमार ने चौधरी चरण सिंह जी की सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चौधरी साहब इस बात से भली भांति परिचित थे कि किसानों को मुख्य धारा से जोड़ने पर ही भारत का समग्र विकास संभव होगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने जीवन पर्यंत किसानों के हित में काम किया तथा जमींदारी उन्मूलन, पटवारी व्यवस्था खत्म करना, भूमि संरक्षण कानून पेश करने जैसे अनेक कार्य किसानों के हित में किए। भारत की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का चिंतन करते हुए चौधरी चरण सिंह जी ने पाया कि भारत की हजारों वर्ष की गुलामी का मुख्य कारण जातिवाद है। डा अंबेडकर के विचारों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि अंतर्जातीय विवाह ही जातिवाद को समाप्त करने का एकमात्र उपाय है। वह जातिवाद के सख्त विरोधी थे ,1967 में बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने आदेश पारित कर ऐसी शिक्षण संस्थानों की वित्तीय सहायता बंद कर दी जिनके नाम जातीय आधार पर थे।
लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर टी जी बायस ने 1987 में अपनी एक पुस्तक में चौधरी चरण सिंह जी को ऑर्गेनिक इंटेलेक्चुअल कहकर संबोधित किया है, जिसका अर्थ है वह व्यक्ति जिसकी कथनी और करनी में फर्क ना हो। कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजीव कुमार ने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा होने के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं महान अर्थशास्त्री भी थे। स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में हिस्सा लेते हुए उन्होंने तीन बार जेल यात्रा की। आजादी के बाद भी वह निरंतर देश के गरीब, पिछड़े और किसानों के हित के लिए संघर्ष करते रहे। अर्थशास्त्र के ऊपर लिखी हुई उनकी पुस्तक इकोनामिक नाइटमेयर ऑफ इंडिया को आज भी हॉवर्ड बिजनेस स्कूल में अर्थशास्त्र की रेफरेंस बुक के रूप में पढ़ाया जाता है।
इससे पूर्व कार्यक्रम के उद्देश्य पर बोलते हुए चौधरी चरण सिंह शोध पीठ के समन्वयक प्रोफेसर संतोष बिहारी शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा से पूरा विश्वविद्यालय परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। गर्व की बात यह भी है कि चौधरी चरण सिंह जी इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र रहे ,इससे पूर्व श्री अटल बिहारी वाजपेई को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है वह भी विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र थे।यह विश्वविद्यालय देश का संभवत पहला विश्वविद्यालय है जिसके दो पुरातन छात्रों को प्रधानमंत्री बनने और भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान को प्राप्त करने जैसा गौरव प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम का संचालन डा श्वेता चौधरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो बृजेश रावत ने दिया। कार्यक्रम में प्रो संजय चौधरी, डा प्रवीन कुमार, डा श्वेता गुप्ता, डा स्वाति माथुर, डा रुचिरा प्रसाद, डा सीमा सिंह, लोकेंद्र चौधरी, अनूप चौधरी, विनय चौधरी, विशालदीप शिव गोविंद सिंह भदोरिया आदि की उपस्थिति रही