आगरालीक्स… आगरा के संसदीय सीट भी आपातकाल के बाद हुए 1977 के चुनाव में अछूती नहीं रही। कांग्रेस को पूरी तरह नकार कर शंभूनाथ चतुर्वेदी को चुना..
आपातकाल-नसबंदी से था कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा
देश में वर्ष 1977 का चुनाव कांग्रेस के खिलाफ था। कांग्रेस शासन के आपातकाल और नसबंदी समेत तमाम ऐसे मुद्दे थे, जिनसे जनता खफा थी।
कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष पहली बार एकजुट हुआ
सभी राजनीतिक दल जय प्रकाश नारायण, राजनाराय़ण के नेतृत्व में कांग्रेस के खिलाफ एकजुट हो गए। जनता पार्टी का गठन किया गया। चुनाव का माहौल पूरी तरह से बदल गया था। लोगों में अजीब तरह का उत्साह था, जिससे युवा भी अछूते नहीं थे।
शंभूनाथ चतुर्वेदी को मिले थे 2,57472 मत
आगरा की संसदीय सीट से जनता पार्टी गठबंधन की ओर से बीएलडी प्रत्याशी के रूप में शंभूनाथ चतुर्वेदी चुनाव मैदान में उतरे, जबकि कांग्रेस ने पांच बार के विजेता सेठ अचल सिंह पर ही दांव खेला लेकिन इस बार परिस्थियां विपरीत थीं। शंभूनाथ चतुर्वेदी रिकॉर्ड 2,57472 मत लेकर विजयी रहे। कांग्रेस के सेठ अचल सिंह 96920 मत ही प्राप्त कर सके।
जनता पार्टी के शासन के महत्वपूर्ण घटनाक्रम
मोराजी देसाई पहले गैर कांग्रेसी पीएम
जनता दल गठबंधन केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने। देश की जनता को नये नेतृत्व से बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन उन पर खरा उतरना हमेशा एक चुनौती रहा।
एक हजार का नोट और कोकाकोला हो गई बंद
जनता पार्टी के शासन में कांग्रेस के कई फैसले भी बदले गए। एक हजार रुपये का नोट बंद किया गया। जार्ज फर्नांडीज ने कोकाकोला को बहुराष्ट्रीय कंपनी का ब्रांड बताते हुए भारत में इस पर रोक लगा दी।
नये ब्रांड 77 पर भारी पड़ा एक और स्वदेशी ब्रांड
भारत का अपना शीतल पेय का नया ब्रांड 77 बाजार में लाया गया लेकिन इस ब्रांड को तो सफलता नहीं मिली बल्कि एक स्वदेशी ब्रांड थम्सअप जरूर बाजार में छा गया।