आगरालीक्स…लोकसभा के 1977 के चुनावों में मिली बड़ी सफलता विपक्षी दल पचा नहीं सके। आगरा को तीन साल में ही मिला नया युवा सांसद। कांग्रेस पर फिर भरोसा.
जनता दल गठबंधन तीन साल में बिखर गया
आपात काल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन जनता दल को बड़ी सफलता मिली। कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बाहर हो गई थी। तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को भी राजनाराय़ण के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में जल्द ही मतभेद शुरू हो गए। गठबंधन बिखर गया। जनता दल ही दो फाड़ हो गया।
कांग्रेस के झंडा अलंबरदार सेठजी के नाती को टिकट
वर्ष 1980 में अस्थिरता की स्थिति में तीन साल बाद ही फिर लोकसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा हुई। आगरा में 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने आजादी के बाद से कांग्रेस के झंडा अलंबरदार रहे सेठ अचल सिंह के नाती निहाल सिंह जैन को प्रत्याशी घोषित किया, जबकि जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर आदिराम सिंघल चुनाव मैदान में उतरे।
कांग्रेस के युवा चेहरे निहाल को जीत, आदिराम नकारे
इस चुनाव में जनता पार्टी से मोहभंग होने के बाद पब्लिक ने एक बार कांग्रेस में भरोसा जताया और निहाल सिंह के सिर पर जीत का सेहरा सजाया। निहाल सिंह जैन को 117942 मत मिले, जबकि आदिराम सिंघल को 1015 27 मत ही मिल सके।
इंदिरा की हत्या के बाद कांग्रेस का निहाल पर ही भरोसा
वर्ष 1984 का लोकसभा चुनाव देश में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर का था। कांग्रेस ने इस चुनाव में निहाल सिंह जैन को फिर प्रत्याशी बनाया।
पत्रकार से राजनीतिज्ञ बने उदयन शर्मा ने दी कड़ी टक्कर
विपक्ष की ओर से आगरा के ही वरिष्ठ पत्रकार उदयन शर्मा चौ. चरण सिंह की पार्टी एलकेडी (लोकदल) से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे। कांग्रेस के निहाल सिंह को सहानुभूति लहर में 147473 और उदयन शर्मा 107796 को मत मिले और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी।
जनता पार्टी के बिखराव के बाद नये राजनीतिक दल बने
वर्ष 1980 का दशक भारत की राजनीति के बदलाव और उठापटक का रहा। जनता दल में बिखराव के बाद बड़े नेताओं ने अपने-अपने राजनीतिक दलों का गठन किया।
भाजपा का गठन 44 साल में विश्व की शीर्ष पार्टी
जनसंघ ने भी अपना चहेरा बदलते हुए अपने संगठन का नाम भारतीय जनता पार्टी और चुनाव चिह्न गुलाब का फूल रखा। भाजपा अब 44 साल की अवस्था में विश्व के सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं वाली पार्टी है।
इंदिरा गांधी की हत्या विश्व की सबसे बड़ी घटना
वर्ष 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या 80 के दशक की विश्व की सबसे बड़ी घटना रही। इसी दशक में आपरेशन ब्लू स्टार, खालिस्तानी और वोडो आंदोलन भी बड़े घटनाक्रम रहे।