आगरालीक्स…आगरा सहित प्रदेश के 2823 बर्खास्त शिक्षकों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला..आगरा की डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिर्सिटी की फर्जी बीएड डिग्री लगाकर लगाकर कर रहे थे अलग—अलग जगह नौकरी.
बर्खास्तगी पर हस्तक्षेप से इनकार
आगरा की डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी की बीएड की फर्जी मार्कशीट लेकर प्रदेश के अलग—अलग प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त 2823 सहायक अध्यापकों की बर्खास्तगी के आदेश को सही बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट के इस निर्णय से बर्खास्त शिक्षकों को निराश होना पड़ा है. वहीं कोर्ट ने मार्कशीट से छेड़छाड़ करने के आरोपी 812 सहायक अध्यापकों को कोर्ट ने थोड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि जांच पूरी होने तक इनकी बर्खास्तगी को स्थगित रखा जाए. इन्हें चार माह तक वेतन पाने के साथ ही कार्य करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने जांच की निगरानी कुलपति को सौंपते हुए कहा है कि जांच में देरी हुई तो उन्हें वेतन पाने का हक नहीं होगा। जांच की अवधि नहीं बढ़ेगी. 7 अभ्यर्थी ऐसे भी थे जिन्होंने कोर्ट में अपने दस्तावेज पेश किए. हाईकोर्ट ने एक माह का समय सत्यापन के लिए दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगर दस्तावेज सही है तो बर्खास्तगी रद की जाए.
गौरतलब है कि आगरा विश्वविद्यालय की वर्ष 2005 की बीएड की फर्जी डिग्री े आधार पर हजारों लोगों ने सहायक अध्यापकों की नियुक्ति् पा ली और वह प्रदेश के अलग—अलग जिलों में नौकरी करने लगे. मामले की जानकारी पर एसआईटी गठित की गई और रिपोर्ट में व्यापक फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.