मूल रूप से बुलंदशहर की रहने वाली ज्योति ने बिशप एसआर कटिंग को पादरी के लिए आवेदन किया था। वर्ष 2011 से 2015 तक उन्होंने बिशप कॉलेज कोलकाता में चार साल की ट्रेनिंग ली, इसके बाद उन्हें आगरा में पुरोहित बनाया गया है। पुरुष और महिला पादरी में कोई अंतर नहीं है।
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