आगरालीक्स(20th August 2021 Agra News)… सावन माह का अंतिम प्रदोष व्रत आज है। सम्मान के लिए अतिविशिष्ट है शुक्र प्रदोष व्रत। सौभाग्य योग में होगी बाबा की पूजा। जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
सावन माह का अंतिम प्रदोष व्रत आज है। इसे शुक्र प्रदोष व्रत भी कहते हैं। सावन के महीने में शुक्र प्रदोष व्रत पड़ने से इसकी महिमा और बढ़ जाती है। मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से भक्त को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इससे व्यक्ति के जीवन में आरोग्य, सुख, समृद्धि, शांति के सााि ही अभय की प्राप्ति होती है।
यह है शुभ मुहूर्त
पंचाग के अनुसार, प्रदोष व्रत आयुष्मान और सौभाग्य योग में रखा जाएगा। 20 अगस्त को रात आठ बजकर 50 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। बाबा की पूजा प्रदोष काल में सौभाग्य योग में होगी। आयुष्मान योग दोपहर तीन बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इन दोनों ही योग को ज्योतिष शास्त्र में शुभ फल देेने वाला माना गया है।
प्रदोष काल क्या होता है
प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का विशेष महत्व है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है। गोधूलि बेला में बाबा की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।