आगरालीक्स…आगरा में एक्टिव टीबी मरीजों की होगी स्क्रीनिंग. कल से चलेगा अभियान. टीबी मरीजों के साथ कोरोना की भी होगी स्क्रीनिंग.
स्वास्थ्य विभाग शनिवार (26 दिसंबर) से टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान शुरू करने जा रहा है। पहले चरण में टीबी के सक्रिय मरीजों को चिन्हित किया जाएगा। अभियान की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर. सी. पांडेय ने बताया कि 26 दिसंबर से शुरू होने वाले टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए 3 नोडल नामित किए गए हैं। टारगेट सैंपलिंग के नोडल डॉ. नरेंद्र मोहन शर्मा को कोविड-19 टारगेट सैंपलिंग टीम को रवाना करने एवं रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई है। उप जिला स्वास्थ्य एवं शिक्षा सूचना अधिकारी अनिल कुमार को 40 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट व 25 प्रतिशत आरटीपीसीआर टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य दिया गया है। जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह को एक्टिव केस फाइंडिंग के टीबी सैंपलिंग एवं स्पुटम के कलेक्शन करने व स्पुटम को लैब तक पहुंचवाने की जिम्मेदारी दी गई है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. यूबी सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में 26 दिसम्बर से एक जनवरी तक जिले के अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार में क्षय रोगियों के साथ कोविड के मरीजों की भी स्क्रीनिंग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अभियान में टीबी के साथ-साथ कोरोना की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। कोई संभावित मिलता है तो उसकी कोरोना की जांच की जाएगी। 02 जनवरी से 12 जनवरी तक जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की मलिन एवं उच्च जोखिम वाली आबादी में क्षय रोगियों की खोज की जाएगी । इसके साथ ही एचआईवी एवं डायबिटीज के रोगियों की भी जांच की जाएगी। यह कार्यक्रम जिले की कुल 20 प्रतिशत जनसंख्या पर संचालित किया जाएगा। 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सक मेडिकल स्टोर से सम्पर्क स्थापित कर उन्हे क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए जाएंगे। जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक क्षय रोग की उपलब्ध सुविधाओं को पहुंचाना है। यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराएं। जनपद में क्षय रोगियों की जॉच एवं उपचार पूर्णतया निशुल्क है ।
निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत क्षय रोगियों को उनके उपचार के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह की धनराशि भी दी जाती है।