आगरालीक्स…आगरा के प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ गई हैं. एग्जिट पोल के अनुसार लगा रहे अपने—अपने आंकड़े. जानिए आगरा की 9 सीटों पर कैसा रहेगा मुकाबला
फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट
आगरा की फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट पर भाजपा के चौ. बाबूलाल मैदान में है। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा-रालोद के ब्रिजेश चाहर से है। बसपा से डा. मुकेश कुमार राजपूत मैदान में हैं। बसपा का इस सीट पर पिछले तीन चुनावों में खासा दबदबा रहा है। कांग्रेस ने इस सीट से जाट प्रत्याशी हेमंत चाहर हैं। पिछले चुनाव वर्ष 2017 में भाजपा से चौधरी उदयभान सिंह ने जीता था।
फतेहबाद विधानसभा सीट
फतेहाबाद से भाजपा ने पिछले चुनाव के सूरमा जितेंद्र वर्मा को किनारे कर छोटेलाल वर्मा को सेनापति बनाया है। बसपा से शैलेंद्र प्रताप शैलू, कांग्रेस से होतम सिंह निषाद और सपा रालोद गठबंधन रूपाली दीक्षित मैदान में हैं। निषाद बाहुल्य इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है। भाजपा को सीट पर अपने परंपरागत वोटों के अलावा निषाद समाज से तीन बार मिले वोटों का भरोसा है।
बसपा से शैलेंद्र प्रताप शैलू इस सीट पर सोशल इंजीनियरिंग के जरिये अपनी जीत को मजबूत करते नजर आ रहे हैं।
सपा-रालोद गठबंधन की रूपाली दीक्षित को मैदान में उतारकर भाजपा औऱ बसपा के बने बनाए समीकरण को गड़बड़ा है। कांग्रेस के होतम सिंह निषाद वोटों को काटकर किसी प्रत्याशी को थोड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के जितेंद्र वर्मा विजयी रहे थे।
आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट
आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट हाईप्रोफाइल बनी हुई है। इस पर यूपी ही नहीं उत्तराखंड की नजर है। इस सीट से भाजपा प्रत्याशी बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरी हैं। भाजपा ने इस सीट से हेमलता दिवाकर का टिकट काटकर बेबी रानी मौर्या पर भरोसा जताया है।
सपा-रालोद गठबंधन से महेश कुमार चुनाव मैदान में हैं। महेश कुमार जाटव समाज से आते हैं। इस सुरक्षित सीट पर जाटव समाज की संख्या भी अच्छी खासी है, जो निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
बसपा से किरण प्रभा केसरी मैदान में हैं। बसपा इस सीट से पहला चुनाव जीत चुकी है। बसपा को अपने परंपरागत वोटों पर भरोसा है कांग्रेस से उपेंद्र सिंह चुनाव मैदान में हैं। पिछले चुनाव में भाजपा की हेमलता दिवाकर विजयी रही थीं।
एत्मादपुर विधानसभा सीट
भाजपा ने एत्मादपुर सीट पर बसपा से भाजपा में आए डा. धर्मपाल सिंह जैसे अनुभवी को मैदान में उतारा है। भाजपा को अपने चुनावी समीकरण से उम्मीद है कि धर्मपाल इस सीट पर पर आसानी से जीत हासिल कर लेंगे।
इस सीट पर बसपा के राकेश बघेल, कांग्रेस की शिवानी बघेल और सपा-रालोद गठबंधन के ड़ा. वीरेंद्र सिंह चौहान मैदान में हैं। बसपा के राकेश बघेल भाजपा के डा, धर्मपाल को सीधे टक्कर देते नजर आ रहे हैं। बसपा को इस सीट पर अपने परंपरागत वोटों का भरोसा है। बसपा तीन चुनाव यहां से जीत भी चुकी है। वर्ष 2017 में भाजपा के राम प्रताप सिंह विजयी रहे थे।
दक्षिण विधानसभा सीट
भाजपा के लिए लकी रही है दक्षिण सीटसे भाजपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक और दो बार के विधायक योगेंद्र उपाध्याय मैदान में है।
बसपा से इस बार रवि भारद्वाज चुनाव मैदान में हैं। बसपा को इस सीट पर दलित समाज के वोटों के साथ जाटव समाज के वोटों का भरोसा है। प्रत्याशी के ब्राह्मण समाज का होने से इस समाज के लोगों का झुकाव होने पर उसे फायदे की उम्मीद है।
सपा-रालोद गठबंधन से विनय अग्रवाल मैदान में हैं। गठबंधन प्रत्याशी को अपने पिछड़े और दलित वोट हैं। मुस्लिम वोट इस सीट पर खासी संख्या में है कांग्रेस ने दक्षिण सीट पर अनुज शर्मा को मैदान में उतारा है। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के योगेंद्र उपाध्याय विजयी रहे थे।
बाह विधानसभा सीट
बाह विधानसभा सीट राज परिवार के दबदबे की सीट है। राजपरिवार को अब तक हाथी से टक्कर मिलती आई है। रानी पक्षालिका सिंह भाजपा से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं।
सपा-रालोद गठबंधन से मधुसूदन शर्मा इस बार राज परिवार के दबदबे को चुनौती देते नजर आए हैं।
बसपा से नितिन वर्मा चुनाव मैदान में है। बसपा इस सीट पर एक बार फतह कर चुका है।
कांग्रेस से मनोज दीक्षित चुनाव मैदान में हैं। राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में दखल तो रखता है लेकिन उसका प्रभाव नजर नहीं आता है। वर्ष 2017 में भाजपा से रानी पक्षालिका सिंह विजयी रही थीं।
उत्तर विधानसभा सीट
आगरा की उत्तर विधानसभा सीट पर पुरुषोत्तम खंडेलवाल को प्रत्याशी घोषित किया है। पुरुषोत्तम उपचुनाव जीतकर दूसरी बार मैदान में हैं।
बसपा ने इस सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पहले अग्रवाल समाज के प्रत्याशी मुरारीलाल गोयल को मैदान में उतारा था लेकिन ऐन मौके पर पुराने कांग्रेसी नेता शब्बीर अब्बास को मैदान में उतार दिया था।
सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी ज्ञानेंद्र गौतम को मैदान में उतारा है। ज्ञानेंद्र गौतम वर्ष 2012 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में भाजपा को टक्कर देकर दूसरे स्थान पर रह चुके हैं।
कांग्रेस ने इस सीट पर अग्रवाल समाज के प्रभाव को देखते हुए इस समाज के विनोद कुमार बंसल को चुनाव मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 के उपचुनाव में पुरुषोत्तम खंडेलवाल विजयी रहे हैं।
खेरागढ़ विधानसभा सीट
खेरागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा ने बसपा से आए भगवान सिंह कुशवाह को टिकट देकर जीत का गणित लगाया है।
सपा-रालोद गठबंधन से रौतान सिंह प्रत्याशी हैं। गठबंधन प्रत्याशी के इस बार मुख्य मुकाबले में आने की वजह वैश्य समाज का वोट काफी संख्या में उसके खाते में आने की उम्मीद बंधी है।
बसपा से गंगाधर कुशवाह चुनाव मैदान में इस बार जीत का गणित लगाए हुए हैं।
कांग्रेस से रामनाथ सिकरवार चुनाव मैदान में हैं। लेकिन इस बार उन्होंने मतदान के दौरान खासी हलचल मचाई थी। पिछले चुनाव में महेश कुमार गोयल भाजपा से विजयी रहे थे।
आगरा छावनी सीट
छावनी विधानसभा सीट पर भाजपा के डा. जीएस धर्मेश मैदान को दूसरी बार फतह करने के लिए मैदान में हैं।
सपा-रालोद गठबंधन की ओऱ से कुंवर सिंह वकील इस बार मुकाबले को संघर्ष की ओर ले आए हैं।
बसपा से भारतेंदु अरुण चुनाव मैदान में है। बसपा इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगा चुकी है।
कांग्रेस से सिकंदर वाल्मीकि चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस इस सीट पर जीत का आधार बदलाव की बयार मान रही हैं।