आगरालीक्स ….आगरा के ताजगंज में रहने वाला अमित पुत्र ओमवीर 10 अप्रैल को सुबह 10 बजे साइकिल ( बच्चों की साइकिल) चला रहा था, उसका पैर फिसला और वह गिर गया, साइकिल के पैडल की नुकीली कील उसकी दांई (सीधी आंख) में घुस गई। जिससे आँख की पुतली फट गई, उसे जल्द से जल्द इलाज की जरुरत थी अमित के बाबा राजू और पिता ओमवीर इलाज के लिए कमला नगर स्थित डॉ गुंजन प्रकाश (आंख के रेटिना के विशेषज्ञ) के क्लिनिक पर पहुंचे, यहां बताया गया कि डॉक्टर दिल्ली गए हुए हैं, यहां से वे भगवान टॉकीज के पास स्थित डॉ प्रदीप साने के क्लीनिक पर गए , वह भी दिल्ली गए हुए थे, इसके बाद वे दयालबाग स्थित डॉ एसके सत्संगी के नेत्र केंद्र पर गए वे भी दिल्ली गए हुए थे। करीब आठ घंटे तक शहर के नेत्र रोग विशेषज्ञों के क्लीनिक पर भटकने के बाद वे एसएन इमरजेंसी पहुंचे। यहां भी वरिष्ठ चिकित्सक दिल्ली गए हुए थे। उन्हें जूनियर डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया, अगले दिन 11 अप्रैल को आॅपरेशन किया गया। मगर तब तक देर हो चुकी थी। 15 अप्रैल को अमित की आंखों से पटृृटी खोली गई, डॉक्टरों के साथ घरवालों को उम्मीद थी कि अमित को दिखाई देने लगेगा, अपफसोस उसकी आंख की रोशनी जा चुकी थी। उस दिन 10 अप्रैल को डॉक्टर दिल्ली आॅप्थेल्मिक सोसायटी की कांफ्रेंस में न गए होते और अमित को समय से इलाज मिल जाता तो उसकी आंखों की रोशनी नहीं जाती, अब वह एक आंख से देख नहीं सकता है।
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