बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण न होने पर 10 हॉस्पिटल और दो पैथोलॉजी लैब के पंजीकरण को निरस्त कर बिजली-पानी काटने के निर्देश दिए गए थे। शनिवार को आइएमए की बैठक में ईश्वरी देवी नर्सिग होम के संचालक डॉ. राकेश मोहनिया भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल बंद करने से अच्छा है कि मैं इलाज बंद कर डीएम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करूं और अंतिम सांस तक न उठूं। आइएमए के सदस्यों ने उन्हें समझाया। इसके साथ ही अन्य पीड़ित चिकित्सकों ने भी अस्पतालों पर की गई कार्रवाई का विरोध किया। इस पर रविवार को शाम पांच बजे जनरल बॉडी की बैठक बुलाकर डीएम से मिलने का फैसला लिया गया है। इस दौरान कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. रवि पचौरी, अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. जेएन टंडन, सचिव डॉ. आमोद शंकर, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. आरएन गोयल आदि मौजूद रहे।
पहले ईएसआइ, सीएचसी पर हो कार्रवाई
बैठक में डॉक्टरों ने कहा कि ईएसआइ हॉस्पिटल, पीएचसी और सीएचसी में बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण नहीं हो रहा है। इनका पंजीकरण भी नहीं है, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हॉस्पिटल पर कार्रवाई से पहले सीएचसी और ईएसआइ हॉस्पिटल पर ताला लगाना होगा।
बिजली-पानी काटा तो होगा आंदोलन
बैठक में डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि बिजली पानी काटने नहीं दिया जाएगा। ऐसा होता है, तो आंदोलन किया जाएगा। बैठक में पदाधिकारियों ने डॉक्टरों की एकजुटता पर सवाल उठाए।
हॉस्पिटल तो बंद ही करने पड़ेंगे
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एके आनंद का कहना है कि 10 हॉस्पिटल और दो लैब जिन्हें नोटिस दिए गए हैं, उन्हें बंद करना पड़ेगा। इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
सीएमओ कार्यालय खोल भेजे गए नोटिस
छुट्टी के दिन सीएमओ कार्यालय को खोला गया और 12 चिकित्सकीय संस्थानों को नोटिस दिया गया है। इसमें कहा गया है कि आप अपने हॉस्पिटल को बंद कर दें, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर पंजीकरण निरस्त किए जाते हैं।
दत्ता एंटरप्राइजेज पर मेहरबान
बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने वाली संस्था दत्ता एंटरप्राइजेज पर भी छापा मारा गया था। वहां तमाम खामियां मिली थीं। इसके लिए नोटिस भी दिया गया, मगर इसके बाद निरीक्षण की रिपोर्ट संतोषजनक दे दी गई। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने पर बैठक में सवाल उठाया गया।
ये लिए गए फैसले
– अस्पतालों पर कार्रवाई से पहले पुनर्विचार के लिए सचिव उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की जाएगी अपील
– कमियां मिलने पर हॉस्पिटल को बंद करने के बजाय आर्थिक जुर्माना लगाने का प्रावधान हो।
– डॉक्टरों की कार्यशाला कर बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की जानकारी दी जाए।
– सरकारी चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी, ईएसआइ हॉस्पिटल पर कार्रवाई की जाए।
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