Agra medico involved with sex determination racket
आगरालीक्स, आगरा में लिंग निर्धारण करने वाले रैकेट में आइएमए, आगरा के पदाधिकारी, पूर्व सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के शामिल होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने डॉक्टरों को बेनकाब करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए स्टेट सर्विलांस टीम सक्रिय हो गई है । आगरा में पूर्व सीएमओ के अवैध अल्टासाउंड सेंटर में लिंग निर्धारण होने के साथ आइएमए, आगरा के पदाधिकारी अपने हॉस्पिटल में कन्या भ्रूण हत्या कराते थे। शाहगंज पुलिस द्वारा पकडे गए पफतेहपुर सीकरी निवासी विक्रम चौहान और कागरौल निवासी विष्णु चाहर के खुलासे के बाद आइएमए में भूचाल आ गया है आइएमए से सम्बंधित सभी व्हात्ताप्प के ग्रुप में आइएमए सदस्यों में बड़ी ही हैरानी के साथ आक्रोश भी है । शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर भी चाहते हैं कि जिन्हें लोग भगवान समझते हैं वे कोख के हत्यारे बन रहे हैं तो उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं और उन्हें जेल भेजा जाए। इन लोगों के खिलापफ कर्यबाही न होने पर भी डॉक्टरों में आक्रोश है।
उधर, प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी डॉक्टर या पार्टी से संबंध रखने वाला व्यक्ति कन्या भ्रूण हत्या करता है तो उसे सीधे जेल भेजा जाए। ऐसे में पुलिस पर भी दबाव बढ गया है। उन्हें डर है कि पैसे लेकर डॉक्टरों के नाम पकडे गए युवकों के बयान से निकालने पर उन पर भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। सीएमओ डॉ बीएस यादव ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच स्टेट सर्विलांस कमेटी कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कन्या भ्रूण हत्या में शामिल बडे चेहरों को बेनकाब कर जेल भेजा जाएगा। इसके लिए डीएम पंकज कुमार ने बैठक बुलाई है।