आगरालीक्स…आगरा में यूपी मेट्रो की अनोखी पहल. देश में पहली बार इलेक्ट्रिकल लाइन के जॉन्टिंग बे के निर्माण के लिए हो रहा प्रीकास्ट तकनीक का प्रयोग…
देश में पहली बार भूमिगत इलेक्ट्रिकल लाइन बिछाने के कार्य में जॉइन्टिंग बे के निर्माण हेतु प्रीकास्ट तकनीक कर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने एक बार फिर उतकृष्टता की मिसाल पेश की है। यूपीएमआरसी ने पहले भी देश में पहली बार ऐलिवेटिड स्टेशन के कॉन्कोर्स निर्माण हेतु डबल टी गर्डर, वायाडक्ट में क्रॉसओवर के निर्माण हेतु आर्च गर्डर एवं ट्रेन सेनेटाइजेशन के लिए यूवी रेडिएशन जैसी नवीन तकनीकों को मेट्रो क्षेत्र में शामिल कर उदाहरण पेश किया है।
बता दें कि आगरा मेट्रो के लिए बरौली अहीर सब-स्टेशन से डिपो स्थित रिसीविंग सब स्टेशन के बीच 132 केवी की भूमिगत लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। इस कार्य में उचित दूरी पर कई जॉइन्टिंग बे का निर्माण किया जा रहा है। यूपी मेट्रो द्वारा प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित पैनल का प्रयोग कर केबल जॉइन्टिंग बे का निर्माण किया जा रहा है। पारंपरिक तौर पर जॉइन्टिंग बे को निर्माण स्थल पर ही कास्टिंग कर बनाया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है व स्थानीय लोगों को असुविधा भी होती है। गौरतलब है कि मेट्रो के क्षेत्र में यूपीएमआरसी देश का पहला ऐसा संगठन है जहां यू.वी रेडिएशन के जरिए ट्रेन एवं टोकन को सेनिटाइज किया जाता है।
यूपी मेट्रो द्वारा कोरोना काल जैसे मुश्किल समय में यात्रियों को सार्वजनिक यातायात का सबसे सुरक्षित साधन प्रदान करने लिए इस तकनीक को सबसे पहले लखनऊ मेट्रो में इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा देश में पहली बार कानपुर मेट्रो में ऐलिवेटिड स्टेशनों के कॉनकोर्स निर्माण हेतु डबल टी गर्डर का प्रयोग किया गया था। इसके बाद आगरा मेट्रो में इसी तकनीक के जरिए ही ऐलिवेटिड स्टेशनों के कॉन्कोर्स का निर्माण किया गया है। आगरा मेट्रो के ऐलिवेटिड भाग में ट्रैक क्रॉसओवर के निर्माण हेतु आर्च गर्डर का प्रयोग भी यूपीएमआरसी की अनोखी पहल है।