आगरालीक्स…आगरा में साहिर लुधियानवी के नगमों की सजी महफिल. नए साउंड सिस्टम से टीएससी सदस्यों ने लिया गायकी का नया अनुभव…
“The singers club by vikramshuklaa” की साप्ताहिक बैठक व अभ्यास सत्र का आयोजन संस्था के कार्यालय सदर बाजार पर किया गया। 18 माह के अथक प्रयासों के बाद नए साउंड सिस्टम के साथ सदस्यों ने गायकी का नया अनुभव महसूस किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विक्रम शुक्ला ने बताया कि वह इस क्लब के उत्थान के लिए प्रयत्नशील है और सभी सदस्यों के आर्थिक सहयोग एवं प्रयास से एक क्वालिटी साउंड सिस्टम की सुविधा में एक कदम आगे बढ़ गए है, अभी इस दिशा में और कार्य भी करना है।
इस अवसर पर विशिष्ट सहयोग के लिए एसपी सिंह, विनोद कुमार, रवि पिपल, जसपाल खुराना का स्वागत पीएसी कमांडेंट नरेंद्र कुमार ने किया। बेटी ईवा की जन्मदिन की खुशियों के बीच सभी सदस्यों ने साहिर लुधियानवी के लिखे गानों को अपने स्वर से सजाया।
नरेंद्र सिंह और सुमिता राय ने “उड़े जब जब जुल्फे तेरी “, मनीषा, मीता और लवीना जैन ने “आगे भी जाने ना तू, पीछे भी जाने ना तू” क्षमा वर्मा ने “मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी” सुमिता राय ने “मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया” सुबीर गोस्वामी ने “जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला” विवेक कुमार जैन ने “ये महलों ये तख्तों ये ताजों की दुनिया” जसपाल खुराना ने “चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों “राजीव सक्सेना ने “बर्बाद मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा” कविषा मथरानी ने “दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दिया” लता दौलतानी एवम अनुराग ने “कभी कभी मेरे दिल में.” गीतों को स्वरबद्ध किया।