आगरालीक्स…आगरा मेट्रो पर्यावरण का रख रही पूरा ध्यान. ग्रीन मेट्रो – क्लीन मेट्रो थीम पर आधारित आगरा मेट्रो..इन स्टेशनों को बनाने में किया गया यह काम
ग्रीन मेट्रो – क्लीन मेट्रो थीम पर आधारित आगरा मेट्रो, पर्यावरण के लिए साबित वरदान
विश्व पर्यटन का प्रमुख केंद्र आगरा अब विरासत के नए सफर की ओर बढ़ चला है। जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के तीसरे सबसे बढ़े शहर आगरा में मेट्रो सेवा का शुभारंभ हो गया है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा प्रायोरिटी कॉरीडोर में ताज ईस्ट गेट से मन:कामेश्वर मंदिर के बीच मेट्रो का संचालन किया रहा है। यात्री सेवाओं के शुभारंभ के बाद से शहरवासी एवं देश-विदेश से आगरा घूमने आने वाले पर्यटक बढ़-चढ़ कर आगरा मेट्रो की सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। यात्री आगरा मेट्रो में दी जा रही विश्वस्तरीय सुविधाओं की भी जमकर सराहना कर रहे हैं। आगरा मेट्रो की यात्री सेवा महिलाओं, बच्चों और दिव्यांग-जन (विशेष रूप से सक्षम) के अनुकूल हो इसके लिए यूपी मेट्रो द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है। आगरा मेट्रो के सभी स्टेशनों पर एक कॉल पर सहायक के साथ निःशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध है।
आगरा मेट्रो पूर्णत:’ग्रीन मेट्रो, क्लीन मेट्रो’ थीम पर आधारित है। ‘ग्रीन मेट्रो, क्लीन मेट्रो’ को ध्यान में रखते हुए ही आगरा मेट्रो ने ताजमहल एवं राजा की मंडी मेट्रो स्टेशन सहित अन्य निर्माण स्थलों पर पेड़ों को काटने की जगह उन्हें दूसरे स्थान पर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है। इसके साथ ही यूपी मेट्रो द्वारा नियमित समय पर वृक्षारोपण किया जाता है। यूपी मेट्रो द्वारा निर्माण स्थलों पर सरकार द्वारा निर्धारित सभी मानकों व नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है। आगरा मेट्रो की सभी साइटों पर धूल के कणों को हवा में मिलने से रोकने के लिए एंटी स्मॉग का प्रयोग किया जाता है। यूपी मेट्रो द्वारा दिन में नियमित अंतराल पर निर्माण स्थल व आसपास पानी का छिड़काव किया जाता है।
आगरा मेट्रो भूगर्भ जलस्तर के स्तर को सुधारने में मदद करेगी। आगरा मेट्रो के डिपो परिसर व ऐलीवेटिड भाग में 300 से अधिक पिट बनाए जाएंगे, जिससे वर्षा के दौरान इकट्ठा होने वाला पानी एक ड्रेन पाइप के जरिए मीडियन में बने पिट में चला जाएगा। इसके बाद पिट से पानी को बोरिंग के जरिए वापस जमीन में चला जाएगा, जिससे अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल रीचार्ज होगा। एक अध्यन के अनुसार लगभग 29.4 कि.मी लंबी आगरा मेट्रो परियोजना पूरी होने के बाद वर्षा जल संचयन संयंत्र की मदद से एक वर्ष में लगभग 10 लाख लीटर वर्षा जल का संचय किया जाएगा। इसके साथ ही आगरा मेट्रो डिपो भी पूरी तरह से ‘जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी’ पर आधारित है। कानपुर व लखनऊ की तरह आगरा डिपो परिसर में भी वेस्ट वॉटर को निस्तारित या डिस्चार्ज नहीं किया जाता है बल्कि इसे पूरी तरह से रीसाइकल करके विभिन्न कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो के ऐलिवेटिड भाग के मीडियन में आगरा शहर की ऐतिहासिक विरासत को दर्शाने के लिए ईको-फ्रेंडली ग्लास रीन्फोर्सड कॉन्क्रीट (जीआरसी) से निर्मित जालियों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही मीडियन में पौधारोपण भी किया जा रहा है।
ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है, जिसमें कुल 27 स्टेशन होंगे। पहले चरण में ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होना है जिसमें 6 एलीवेटेड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।