आगरालीक्स…आगरा में श्रीमद्भागवत कथा में बोले बापू चिन्मयानंद जी— परमात्मा के द्वारा बनाई दुनिया में सेवा करें, गरीबों की सेवा दीन हीनों की सेवा अवश्य करें. चीन से निर्मित सामान के बहिष्कार करने का संकल्प लिया
विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट आगरा इकाई/द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें व विराम के दिन आज पीएस गार्डन ग्वालियर रोड रोहता पर पूज्य बापूजी चिन्मयानंद महाराज जी के श्रीमुख से भगवान कृष्ण के द्वारा मित्र सुदामा के चरित्र का सजीव वर्णन किया. पूज्य चिन्मयानंद बापू जी ने बताया कि परमात्मा के द्वारा बनाई गई दुनिया में गरीबों की सेवा दीन हीनों की सेवा अवश्य करनी चाहिए. आज की कथा प्रसंग में पूज्य बापूजी ने अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ के निवास स्थान कैलाश मानसरोवर की मुक्ति तथा सभी जनता से चीन से निर्मित सामान के बहिष्कार करने का संकल्प लिया. सभी जनता से व भक्त गणों से अपील की कि इस विस्तार वादी चीन की बनी हुई सभी वस्तुओं का बहिष्कार कीजिए. अपने देश की बनी हुई वस्तुओं का उपयोग कीजिए.
पूज्य बापूजी ने आज के प्रसंग में बताया कि विवाह के पश्चात भगवान श्री कृष्ण माता रुक्मणी के साथ घर लौटे. तत्पश्चात 1 पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम प्रद्युम्न रखा, सम्रासुर नाम के एक दैत्य ने प्रद्युम्न को चुरा लिया व समुद्र में फेंक दिया. सौभाग्य से प्रद्युम्न समुद्र में एक मछली के पेट में पहुंच गए, चमत्कारी ग्रुप से समरा सुर के ही महल में पहुंच गए और रति के रूप में मायावती नाम की एक माता ने उसका लालन-पालन किया. अंत में प्रद्युम्न ने समरा सुर का वध कर दिया. भगवान कृष्ण का दूसरा विवाह माता जामवंती से हुआ, तीसरा विवाह माता सत्यभामा से हुआ. चौथा विवाह कालिंदी यमुना मैया से हुआ. पांचवां विवाह मित्ररल्या से हुआ. इस प्रकार भगवान कृष्ण के आठ विवाह हुए. भौमासुर नाम के असुर ने धरती पर आतंक मचा रखा था. प्रभु ने उसका अंत किया और उसके द्वारा बंधक बनाकर रखी गई 16100 राजकुमारियों को मुक्त कराया. राजकुमारियां रोने लगी, हम कहां जाएंगे. समाज के लोग क्या कहेंगे, इस प्रकार प्रभु ने 16100 राजकुमारियों से विवाह किया और उनको अपनी पटरानी के रूप में स्थान दिया.
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पूज्य चिन्मयानंद जी ने कहा कि सभ्य समाज में पुत्र या पुत्री का समान रूप से स्वागत व सम्मान होना चाहिए. बेटियों ने हर क्षेत्र में नाम किया है अब कुंठित मानसिकता से बाहर निकल रहे हैं. सबको अपने अच्छे परिवार में अच्छे समाज व स्वयं के अच्छे हृदय का निर्माण कर परिचय देना होगा. नई आत्मा का सृजन हो तो भेद न करते हुए स्वागत करना चाहिए. पूज्य महाराज चिन्मयानंद बापूजी ने सुदामा कथा का भी मार्मिक वर्णन किया. पूज्य राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापूजी ने महाराजा अग्रसेन जी को प्रणाम किया तथा उनके वंशजों के द्वारा किये गए इस भव्य आयोजन के लिये आभार प्रकट किया.
पूज्य बापूजी के स्वागत में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी आगरा महानगर के अध्यक्ष भानु महाजन, आगरा के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक व पूर्व मंत्री डॉक्टर जी एस धर्मेश, एसीपी मयंक तिवारी, ट्रस्टी तीर्थ कुशवाह, रीतेश अग्रवाल, विनीता सुगंधी गोविंद सुगंधी तथा रविन्द्र चौधरी ने माल्यार्पण किया तथा भागवत जी का पूजन किया. मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मुरारीलाल गोयल ने कहा कि कल रविवार को सभी माताएं बहिनें दोपहर 1:00 ठीक अपने कलश प्राप्त करें. पूज्य श्री चिन्मयानंद बापूजी ने अगले वर्ष 15 जनवरी से आगरा में ही रामकथा कहने की घोषणा की है. आज की इस कथा में पधारे सभी भक्तों ने श्रीभागवत जी को प्रणाम किया.