Agra News: Ayodhya Verdict, Central Gov. form trust for Ram Mandir, Normalcy in Agra
आगरालीक्स.. अयोध्या पर फैसला आ गया है, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह तीन से चार महीने के भीतर सेंट्रल गवर्नमेंट ट्रस्ट की स्थापना के लिए योजना बनाए और विवादित स्थल को मंदिर निर्माण के लिए सौंप दे। अदालत ने यह भी कहा कि अयोध्या में पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रदान करे।
70 साल से देश के सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने 40 दिन तक मैराथन सुनवाई की।
अयोध्या पर फैसला
सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसले में कहा कि हम 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली शिया वक्फ बोर्ड की सिंगल लीव पिटिशन को खारिज करते हैं।
गोगोई ने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बाकी द्वारा बनाई गई थी।
विवादित जमीन राजस्व रिकॉर्ड में सरकारी जमीन थी।
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संदेह से परे है। इसके अध्ययन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने निर्मोही अखाड़ा के दावे को खारिज किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य ढांचा इस्लामी संरचना नहीं थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं की आस्था और उनका विश्वास है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। हिंदुओं की आस्था और विश्वास है कि भगवान राम का जन्म गुंबद के नीचे हुआ था। यह व्यक्तिगत विश्वास का विषय है
अयोध्या में ही दी जाए जगह।
संविधान की धारा 142 के तहत सुनाया गया फैसला।
विवादित जमीन रामजन्म भूमि न्यास के हवाले करते हुए कहा कि केंद्र सरकार राम मंदिर बनाए, अयोध्या में ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि दी जाए।