Agra News: Devotthan Ekadashi on 12th. Know the worship method and auspicious marriage time till March 2025…#agranews
आगरालीक्स…देवोत्थान एकादशी 12 को. क्षीरसागर में सोये भगवान विष्णु को जगाएंगे लोग. जानिए पूजन विधि और मार्च तक के शुभ विवाह मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी दिन मंगलवार, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र ,हर्षण योग , विष्टि करण के शुभ संयोग में 12 नवंबर 2024 को ही देव प्रबोधिनी देवोत्थान एकादशी मनाई जाएगी देवोत्थान का तात्पर्य देवो को निद्रा से उठाना (जगाना) है शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव शयन के लिए जाते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठते हैं इन दिनो जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में सोए हुए होते हैं जिन्हें महिलाएं माताएं बहने पूजा पाठ करके जगाती हैं चार महा सोने के पश्चात इस दिन ही जगह के पालनहार श्री हरि विष्णु और सभी देवी देवता शयन से उठते हैं देव उठने से पूर्व किसी भी घर में परिवार में शुभ कार्य विशेष कर शादी विवाह ग्रह प्रवेश नया घर निर्माण नयेजन्मे बच्चो का मुंडन (जडूला उतारना) आदि शुभ कार्य नहीं समझे जाते हैं जिन चार देव शयन को होते हैं उन्हें पूजा-पाठ धार्मिक अनुष्ठान भागवत कथा आदि के लिए विशेष तौर पर बनाया गया है सनातन धर्म के अनुसार सारे हिंदू तीज त्योहारों की श्रंखला इन चारों महीनों में ही आती है जिससे प्रत्येक व्यक्ति गलत कार्यों से बचकर धार्मिक कार्य पूजा-पाठ मैं लगा रहे।
पूजन विधि
पूरे घर को साफ धो पौछ कर चूना गेरू खड़िया से देवठान का चित्र बनाते हैं या फिर बाजार से चित्र ला कर लगाती हैं घर में मुख्य द्वार तक फूल पत्तियां बेलों की सुंदर आकर्षक रंगोली देवी देवताओं के पैरों के निशान बनाते हैं चावल, गुड़, मूली, बैंगन, शकरकंदी, सिंघाड़ा, चने की सब्जी, वेर गन्ना पूजा मेरखते हैचित्र और सामान को डलिया या परात (चलनी) से ढक देते हैं चारों ओर घी के दीपक जलाने के बाद घर की सभी महिलाएं एक साथ बैठकर देवों को उठाती हैं और डलिया के ऊपर हाथों की अंगुलियां उलट पलट के मारते हुए कहती हैं कि “उठो देव जागो देव बैठो देव पामरिया चटकाओ देव देवसोय चारों मास” जिसके बाद डलिया सीधा करके रख देती हैं हल्दी चावल घी से पूजा करती हैं गन्ने केरस से देवी-देवताओं पर धार लगाकर उसके रससे चित्र पर भोग लगाते हैं और माताएं बहने प्रभु के जागने की खुशी में नाच गाकर भजन गाकर खुशियां मनाती हैं।
शरद ऋतु (सर्दी) के विवाह मुहूर्त
इस बार शरद ऋतु (सर्दी) में कुलू 42 शुभ विवाह मुहूर्त उपलब्ध होंगे जिसमे 39 शुद्ध विवाह मुहूर्त होंगेऔर तीन अनबूझे अनपूछे विवाह मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे
नवंबर,2024 में 17, 18 ,23, 25 ,27 और 28 नवंबर
दिसंबर 2024में 2, 3, 4, 6 ,7 ,10, 11 और 14 दिसंबर
जनवरी 2025 में 16 18 19 20 21 22 24 26 27 जनवरी
फरवरी 2025 3,4,7,8, 14 ,15, 16, 18 ,20, 21 ,23 ,25 और 26 फरवरी
मार्च 2025में 2, 3 और 6 मार्च
12 नवंबर देव प्रबोधिनी एकादशी, 2 फरवरी बसंत पंचमी, 1 मार्च फुलेरा दूज यह तीनों अनबूझे(अनपूछे) मुहूर्त होंगे
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250