Agra News: Discussion on robotic surgery and diseases happening to children in Worldcon 2023 in Agra…#agranews
आगरालीक्स…कम उम्र के बच्चों को हो रही फिशर, ऐसा थ्री पी यानी प्रिजवर्ड, प्रोसेस्ड और पैक्ड फास्ट फूड के खाने से हो रहा है. इसे गंभीरता से लें. आगरा में वर्ल्डकॉन 2023 में रोबोटिक सर्जरी व बच्चों को हो रही बीमारियों पर हुई चर्चा
थ्री पी से बच्चों को फिशर की समस्या, बचाव के लिए थ्री सी
फिशर के मरीजों में 10 प्रतिशत बच्चे 5 से 18 साल हैं, इन बच्चों में से चार प्रतिशत की सर्जरी करनी पड़ रही है। ऐसा थ्री पी (प्रिजवर्ड, प्रोसेस्ड और पैक्ड फास्ट फूड के सेवन) से हो रहा है। इससे बचने के लिए थ्री सी यानी काउ मिल्क, कर्ड और सिट्रिक फ्रूट का बच्चों को सेवन कराएं। कलाकृति ऑडिटोरियम में चल रही तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस आफ कोलो प्रोक्टोकालोजी वर्ल्डकॉन 2023 में दूसरे दिन शनिवार को बच्चों में हो रही बीमारियों पर चर्चा की गई।
डा. अश्विन पोरवाल, पुणे ने बताया कि बच्चों को फैट की अधिक जरूरत होती है। यह उनकी ग्रोइंग उम्र होती है। लेकिन बच्चों को फैट फ्री भोजन मिल रहा है। खाने में शुगर और नमक का सेवन अधिक कर रहे हैं। इससे मेटाबालिक डिसआर्डर हो रहा है और कब्ज की समस्या बढ़ी है। शुगर से आंतों में मौजूद खराब बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इससे समस्या और बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए शुगर का सेवन कम कर दें। डा. वीके कपूर, महात्मा गांधी मेडिकल कालेज जयपुर ने बताया कि आंतों का कैंसर बढ़ रहा है, शौच में किसी तरह का बदलाव हो रहा है, खून आ रहा है तो गंभीरता से ले। कालोनोस्कापी से जांच करा लें, इससे कैंसर का पता चल जाता है। अब दूरबीन विधि से सर्जरी की जाती है, इसके साथ ही मलद्वार के रास्ते पर कैंसर है तो उसे निकालने की जरूरत नहीं है। कीमोरेडियो थैरेपी से इसे बचाया जा सकता है। पश्चिमी देशों में कोलन कैंसर अधिक मिलता है, वहां नानवेज का सेवन अधिक किया जाता है लेकिन अब भारत में भी यह कैंसर बढ़ रहा है। कम उम्र में हो रहा कोलन कैंसर का फैलाव बहुत तेजी से हो रहा है, इसके पीछे जन्मजात कारण भी हो सकते हैं। इससे बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन का सेवन अधिक करें। आयोजन सचिव डा. अंकुर बंसल ने बताया कि बच्चों के खान पान पर माता पिता को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। यह बीमारियां बच्चों में तेजी से बढ़ रही है। डा. हिमांशु यादव ने खूनी पेचिश के कारण पर चर्चा की, उन्होंने बताया कि 30 प्रतिशत केस में आपरेशन की जरूरत होती है। सात दिन से अधिक समस्या है तो डाक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए।
15 देशों के 650 सर्जन को दी गई फेलोशिप
आगरा। कांफ्रेंस में 57 पेपर, 110 पोस्टर और 150 मास्टर वीडियो प्रजेंट किए गए। फेलोशिप सेरेमनी में 15 देशों के 650 लोगों को फेलोशिपि आफ इंटरनेशनल सोसायटी आफ कोलोनोप्रोक्टोलाजी (एफआईएससीपी) की गई। इसके साथ ही अन्य पुरस्कार दिए गए।
रोबोटिक सर्जरी का चलन बढ़ा
मनीपाल हॉस्पीटल से आए व मलाशय के कैंसर में रोबोटिक सर्जरी में हाईपैक विधि के जनक डा. सोम शेखर ने रोबोटिस सर्जरी पर चर्चा की। डा. करन आर रावत ने बताया कि भारत में 2009 में रोबोटिक सर्जरी शुरू की गई थी। 2022 में 27 हजार रोबोटिक सर्जरी के केस हो चुके हैं। 94 मशीन उपलब्ध हैं और 700 सर्टीफाइड रोबोटिक सर्जन हैं।
डा. प्रशांत रहाटे ने संभाला कार्यभार
कांफ्रेंस में आईएससीपी के अध्यक्ष का कार्यभार डा. प्रशांत रहाटे ने संभाला। डा. अंकुर बंसल को इंटरनरेशनल कार्यकारिणी का सदस्य बनाकर उत्तर भारत की कमान सौंपी गई। अंकुर बंसल ने इस मौके पर कहा कि वह जल्दी ही उत्तर भारत में कमेटी का गठन करेंगे और कार्य को विस्तार देंगे। इस अवसर पर डॉ. शांतिकुमार चिवटे, डॉ. लक्ष्मीकांत लाडूकर डॉ. प्रशान्त रहाटे, एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता, डॉ. प्रशान्त लवानिया, डॉ. जूही सिंघल, आयोजन समिति के डॉ. अंकुर बंसल, डॉ. अनुभव गोयल, डॉ. हिमांशु यादव, डॉ. करन रावत, डॉ. जूही सिंघल, डॉ. प्रशान्त लवानिया आदि उपस्थित थे।