Agra News: Fake deed of land worth crores was made in the name of the director of the medical college, three arrested…sensational revelation…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में सनसनीखेज मामला. करोड़ों की जमीन का करा दिया फर्जी बैनामा. मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर को बेच दी जमीन. तीन गिरफ्तार, 23 लाख रुपये बरामद…
- आगरा पुलिस कमिश्नरेट की एसओजी टीम एवं थाना एत्मादपुर पुलिस टीम द्वारा की गई बड़ी कार्यवाही
- करोड़ों रुपये की जमीन का फर्जी बैनामा करने वाले गैंग का किया खुलासा, तीन गिरफ्तार
- कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बैनामा से मिली 23 लाख की रकम बरामद
- फर्जी बैनामा के पैसों से खरीदी 60 लाख की जमीन को किया जाएगा कुर्क
- बैंक में जमा फर्जी बैनामा के 80 लाख रुपये किए सीज
आगरा पुलिस ने फर्जी बैनामा करने वाले गैंग पर बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने करोड़ों रुपये की जमीन का फर्जी बैनामा करने वाले गैंग का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है. पुलिस ने इनके पास से फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बैनामा से मिली 23 लाख की रकम बरामद किए हैं. यही नहीं पुलिस ने फर्जी बैनामा के पैसों से खरीदी 60 लाख की जमीन को कुर्क करने के आदेश दिए हैं और आरोपियों के खातों में जमा फर्जी बैनामा के 80 लाख रुपये भी सीज किए हैं.
ये है पूरा मामला
24 दिसंबर 2022 को कृष्णा तोमर ने थाना एत्मादपुर को सूचना दी कि उसकी ग्राम धरैरा में पैतृक जमीन है. 21 दिसंबर को जब वह अपनी जमीन की जांच पड़ताल करने गया तो यहां जानकारी हुई कि उसके नाम के फर्जी दस्तावेज तैयार कर और उसके नाम फर्जी रखकर एक व्यक्ति ने अपने सहयोगियों सुबोध सूदन, भूपेन्द्र सिंह, प्रवेन्द्र सिंह तोमर, गौरव सिंह व अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर दीपेश गुप्ता पुत्र डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता डायरेक्टर नेमिनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटी एंड रिसर्च सेंटर के नाम बैनामा करा दिया है. यह देखते ही उसके होश उड़ गए हैं. फर्जी बैनामा के इस मामले मे पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.
इस मामले की जांच कर रही एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित और थाना एत्मादपुर पुलिस ने आज खुलासा कर दिया. पुलिस को जानकारी में मालूम हुआ कि प्रवेन्द्र सिंह तोमर ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इस पर पुलिस ने कोर्ट से पुलिस अभिरक्षा रिमांड प्राप्त कर अभियुक्त प्रवेन्द्र सिंह तोमर से पूछताछ की गई और इसकी निशानदेही से खेतों से 11 लाख रुपये की बरामदगी की. पुलिस पूछताछ में प्रवेन्द्र ने बताया कि उसने वर्ष 2012 में वादी के पिता हीरा सिंह से जमीन बंटाई पर ली थी. लगभग 4 माह पहले उसे पता चला कि यह जमीन बिक रही है. इस पर उसने अपने भांजे अमित सिसौदिया और तहसील के कार्यों की जानकारी रखने वाले अपने साथी अमित गर्ग पुत्र मोनू पंडित उर्फ कुलदीप के साथ मिलकर जमीन का फर्जी बैनामा कर जमीन को बेचने और पैसे प्राप्त करने की योजना बनाई.
अमित सिसौदिया पूर्व में जेल जा चुका है और अपराधी किस्म का है. इसलिए उसने अपने भांजे अमित सिसौदिया को फर्जी कृष्णा, उसके बहनाई एवं बहन के रूप में बैनामा करने के लिए दो आदमी एवं एक महिला को तलाश करने के लिए लगाया. अमित सिसौदिया ने अपने साथ जेल में रहे साथी अखंड प्रताप सिंह को योजना के बारे में बताया कि तो अखंड प्रताप ने अपने साथी अनिल कुमार को कृष्णा तोमर के रूप में एवं बहनोई भूपेन्द्र के रूप में स्वयं अपने आप को तैयार किया. अमित गर्ग ने पूनम रानी पाठक को कृष्णा की बहन के रूप में तैयार किया और योजना के बारे में बताया. अमित गर्ग ने वादी कृष्णा तोमर, उसके बहनोई एवं बहन के फर्जी आधार कार्ड एवं अन्य फर्जी दस्तावेज बनाए.
प्रवेन्द्र व अमित गर्ग ने मिलकर मुकेश यादव के माध्यम से गौरव यादव व दशरथ उर्फ नीटू यादव के नाम 2—3 माह पूर्व 50 हजार रुपये बयाना लेकर 3 करोड़ 50 लाख में उक्त जमीन की नोटरी कराई. गौरव यादव ने उस जमीन को बेचने के लिए विजय बहादुर सिंह निवासी चौगान थाना एत्मादपुर व शीलू ठाकुर को उक्त जमीन के संबंध में शामिल कर लिया. गौरव यादव की तरफ से विजय बहादुर व शीलू ठाकुर ने गौरव गुप्ता व राजेंद्र अग्रवाल के माध्य से नेमिनाथ हॉस्पिटल के मालिक डॉ. प्रदीप गुप्ता से मिलवाया.
प्रवेन्द्र, गौरव, नीटू, विजय बहादुर, फर्जी कृष्णा यानी अनिल कुमार, फर्जी बहनोई यानी अखंड प्रताप डॉ. प्रदीप गुप्ता से मिलने गए. राजेन्द्र ने सौदा किया और चार करोड़ में सौदा तय कर लिया गया. दो दिन बाद प्रवेन्द्र अपने साथियों राजेन्द्र अग्रवाल, नीटू यादव, गौरव यादव, अनिल, गौरव गुप्ता एडवांस लेने गए. प्रदीप गुप्ता ने 30 लाख रुपये एडवांस दिया. फर्जी कृष्णा यानी अनिल कुमार, फर्जी बहनोई यानी अखंड प्रताप और फर्जी बहन यानी पूनम रानी पाठक पत्नी मनीष पाठक निवासी नगला जमुना नरायच बैनामा कराने गए. बैनामा के बाद दाखिल खारिज होने की कहकर पूरे सौदे के 15 प्रतिशत यानी 60 लाख रुपये उन्होंने रोक लिए एवं तय राशि में से 2 करोड़ 40 लाख रुपये अनिल कुमार के बहरन क्षेत्र स्थित पंजाब नेशनल बैंक खाते में 6 दिसंबर 2022 को भेजे गए एवं एक करोड़ रुपये जिनमें 70 लाख रुपये नकद एवं 30 लाख रुपये एडवांए कैश दिए गए. प्रापत कैश को हमने आपस में बांट लिया और फर्जी कृष्णा के खाते में गए रुपयों में से समय—समय पर कुल एक करोड़ रुपये अमित गर्ग ने अपने खाते में डलवा लिए. प्रवेन्द्र ने एत्मादपुर स्थित एचडीएफसी बैंक के अपने खाते में 60 लाख रुपये डलवा लिए थे. फर्जी कृष्णा के खाते में शेष्ज्ञ बचे 80 लाख रुपयों में से 34 लाख रुपये समय—समय पर निकलवा लिए.
इस मामले में पुलिस ने दो टीमों का गठन किया. आज पुलिस ने अभियुक्तगण की तलाश के लिए मुखबिर, लोगों से पूछताछ, सीसीटीवी आदि के माध्यम से अमित गर्ग व उसका पिता कुलदीप उर्फ मोनू पंडित को कुबेरपुर इंटरचेंज यमुना एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके कब्जे से 10 लाख 50 हजार रुपये बरामद किए. पुलिए पूछताछ में इन्होंने बताया कि बरामद रुपये हमें फर्जी बेनामा करने पर प्राप्त हुए में से शेष हैं. हम बंटवारे में मिले लगभग एक करोड़ रुपयों में से हमने लगभग 60 लाख रुपयों की गांव में जमीन खरीद ली, बाकी शेष अन्य शौक मौज में खर्च कर दिए.
इसी प्रकार पुलिस ने घटना में संलिप्त अनिल कुमार जो कि फर्जी कृष्णा बना था को अलीबली चौराहा के पास से अरेस्ट कर लिया. पुलिस ने इसके पास से डेढ़ लाख रुपये एवं कृष्णा तोमर के नाम का फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया. अनिल ने बताया कि बरामद रुपये उसे फर्जी बैनामा से मिले हैं. मुझे यह काम करने के लिए 2.5 लाख मिले थे. कृष्णा का फर्जी आधार कार्ड मुझे अमित गर्ग ने बनवाकर दिया था.
पुलिस ने खातों से कराई रकम सीज
अभियुक्त प्रवेन्द्र मोमर के एचडीएफसी बैंक, एत्मादपुर के खाते से 24 लाख रुपये
अभियुक्त अनिल की पंजाब नेशनल बैंक बरहन के खाते से 46 लाख रुपये
अभियुक्त अमित गर्ग के एक्सिस बैंक टूंडला व पंजाब नेशनल बैंक बरहन के खाते से 9 लाख 40 हजार रुपये