Agra News: Fatty liver is the cause of poor daily routine and bad eating habits: Dr. Pankaj Kaushik…#agranews
आगरालीक्स…केवल शराब पीने वालों का ही लिवर फैटी नहीं, उन लोगों का भी है जो काउच पटैटो हो गए हैं, शरीर को गति नहीं दी तो डायबिटीज भी हो जाएगी और हार्ट डिजीज भी, जानें आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के डॉ. पंकज कौशिक से…
आगरा के लोग गफलत में जी रहे हैं। वे फैटी लिवर को केवल शराब पीने वालों की बीमारी समझ रहे हैं। जबकि यह बीमारी उन लोगों को भी हो रही है जिन्होंने अपनी जीवन शैली को निष्क्रिय बना लिया है। आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर में हमारे पास तमाम ऐसे मरीज आ रहे हैं जो अपनी खराब दिनचर्या और खान—पान की वजह से लिवर को बीमार बना रहे हैं। ऐसे लोगों में आगे चलकर डायबिटीज और फिर हार्ट डिजीज का खतरा भी है। यह कहना है आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के वरिष्ठ गैस्टोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. पंकज कौशिक का।
डॉ. कौशिक बताते हैं कि बहुत से लोग यह समझते हैं कि फैटी लिवर केवल शराब पीने वालों की समस्या है। यह सच है कि शराब का सेवन लिवर को खराब करता है लेकिन फैटी लिवर के शराब के अलावा भी कई कारण हैं। वहीं जिन लोगों को फैटी लिवर है उन्हें बाद में डायबिटीज होने की संभावना भी सामान्य लोगों की अपेक्षा पांच से बीस फीसद तक अधिक है। लिवर के सेल , जो माइक्रोन में होता है उसमें ग्लूकोज को हजम करने के लिए इंसुलिन को अंदर जाना होगा। इसी से एनर्जी बनती है और फिर शरीर क्रियाशील होता है। लिवर में फैट होने पर इंसुलिन अंदर नहीं जाता और ज्यादा इंसुलिन चाहिए होता है। सामान्य रूप से जो काम दो यूनिट इंसुलिन में होना चाहिए उसके लिए 15 यूनिट इंसुलिन लिवर में डालना पड़ता है। ऐसे में पेनक्रियाज को अतिरिक्त काम करना पड़ता है।
पेनक्रियाज यह बढ़ा हुआ इंसुलिन लिवर को देते रहते हैं लेकिन कुछ ही दिन में थक जाते हैं। इससे आगे चलकर डायबिटीज हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि जब भी ब्लड शुगर कराएं तो इंसुलिन भी जांच करा लें। जो लोग शरीर से कम काम ले रहे हैं वो ग्लूकोज को सीधे लिवर में भेज रहे हैं और लिवर अतिरिक्त शुगर को जमा करता रहता है फिर वही शुगर फैट में बदल जाता है। यही फैट फिर ब्लड में मिक्स होकर घूमता है और आर्टरीज तक पहुंचता है। इससे आर्टरीज हार्ड होंगी तो ब्लड प्रेशर बढ़ने लगेगा। मतलब साफ है कि ब्लड प्रेशर हो या हार्ट डिजीज यह सभी रोग लिवर के साथ हमारी लापरवाही से शुरू हो रहे हैं। 20 से 30 आयु वर्ग के युवाओं को भी उच्च रक्ताचाप का यही कारण है।
लिवर का ऐसे रखें ध्यान
रोज व्यायाम करें
अपने वजन को नियंत्रित रखें
चिकनाई वाले भोजन, घी, तेल, मक्खन का उपयोग कम करें
सोने से तीन घंटे पहले भोजन करें
किसी तरह की दिक्कत पेश आने पर डॉक्टरी जांच जरूर कराएं