आगरालीक्स…आगरा के इस बड़े बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, चार लाख रुपये भी ले लिए और न तो फ्लैट दिया और न ही रकम लौटाई
आगरा के बिल्डर संतोष कटारा पर थाना हरीपर्वत में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा एक दरोगा की पत्नी ने दर्ज कराया है. आरोप है कि शास्त्रीपुरम स्थित नालंदा टाइन प्रोजेक्ट में चार लाख रुपये में फ्लैट बुक करने के बाद भी बिल्डर संतोष कटारा ने न तो फ्लैट दिया और न ही उसकी रकम लौटाई.
ये है पूरा मामला
लोहामंडी में रहने वाली आरती के पति प्रेम कुमार उप निरीक्षक हैं और वर्तमान में लोहामंडी थाने में तैनात हैं. आरती ने बिल्डर संतोष कटारा के खिलाफ थाना हरीपर्वत में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. आरती ने बताया कि संतोष कटारा एक स्कूल में टीचर थे और वह उनके बच्चों को पढ़ाने आते थे. इसके चलते संतोष कटारा से उनका अच्छा परिचय हो गया. वर्ष 2013 में संतोष कटारा ने उनके बच्चों को पढ़ाना बंद कर दिया और बिल्डिंग और फ्लैट बनाकर बेचने का काम शुरू कर दिया. संतोष कटारा ने उनहें सस्ती कीमत में अच्छा फ्लैट देने का आफर दिया.
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आरोप है कि पति की सहमति मिलने के बाद आरती ने संतोष कटारा से फ्लैट खरीदने की बात कही. इस पर संतोष कटारा ने शास्त्रीपुरम स्थित नालंदा क्राउन प्रोजेक्ट की जानकारी दी और फ्लैट बुक कराने के लिए चार लाख रुपये मांगे. बाकी रकम किस्तों में देने के लिए कहा. इसके अलावा दो वर्ष में फ्लैट पर कब्जा देने के लिए कहा. प्रोजेक्ट देखने के बाद आरती ने अक्टूबर 2013 में 50—50 हजार रुपये के दो चेक और मई 2014 में एक लाख व दो लाख रुपये के दो चेक उन्हें दे दिए.
दरोगा की पत्नी ने कहा कि बिल्डर ने 8 दिन बाद उन्हें बुकिंग धनराशि चार लाख रुपये की रसीदें नालंदा क्राउन फ्लैट 605 की दीं. लेकिन आज तक न तो उन्हें फ्लैट दिया गया और न ही धनराशि लौटाई गई. आरती के अनुसार इसी साल अगस्त में वह अपने परिचित के साथ बिल्डर के आवास नालंदा टावर में गईं और उनसे फ्लैट की धनराशि लौटाने को कहा. आरोप है कि इस पर बिल्डर ने उन्हें धक्का देकर वहां से निकाल दिया और कहा कि उसने पूरा प्रोजेक्ट बेच दिया है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है.