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Agra News: IAP Agra held seminar on dietary supplements…#agranews
आगरालीक्स…छह माह के बाद केवल दूध से बच्चे की शारीरिक जरूरतें पूरी नहीं होती. उन्हें ये चीजें भी खिलाएं…आईएपी आगरा ने पूरक आहार पर की गोष्ठी
आज IAP AGRA द्वारा पूरक आहार पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में IAP AGRA सचिव डा योगेश दीक्षित ने बताया कि छह माह की उम्र तक बच्चों को केवल दूध देना चाहिए परंतु छह माह की उम्र के बाद बच्चे की शरारिक जरूरतें केवल दूध से पूरी नहीं हो सकती हैं। अतः छह माह की उम्र के बाद बच्चों को अन्न देना शुरू कराना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ आर एन द्विवेदी ने बताया कि 6 माह की उम्र पर बच्चे की निगलने कि प्रक्रिया थोड़ी परिपक्व होनी शुरू होती है अतः खाने में दलिया, खिचड़ी, खीर, दाल चावल, सत्तू देना चाहिए जिसे बच्चा आसानी से निगल सके।
डॉ सुनील अग्रवाल ने बताया कि 6 माह की उम्र के बाद भी जो बच्चे दूध पर रहते हैं उन बच्चों में खून की कमी होने लगती है अतः अन्न देना शुरू करना चाहिए लेकिन केवल घर पर बना हुआ। डॉ अरुण जैन ने बताया कि 6 माह के बाद बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की भरपाई केवल दूध से सम्भव नहीं है अतः पूरक आहार देना चाहिए। डॉ मधु नायक ने बताया कि कुछ माता पिता की शिकायत रहती है कि उनका बच्चा कमजोर है और कुछ खाता नहीं है,कोई टॉनिक लिख दें परन्तु यदि धैर्य से कोशिश करें तो बच्चा जरूर खायेगा और टॉनिक की कोई आवश्यकता नहीं।
डॉ राम क्षितिज ने बताया कि डिब्बा बंद खाना प्रोसेस्ड फूड होता है जिसमें प्रिजर्वेटिव्स होते हैं जो स्वस्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं। अंत में डॉ स्वाती द्विवेदी ने बताया कि बच्चे के जीवन के प्रथम 1000 दिनों के दौरान दिए गए पोषण का असर बच्चे के भावी जीवन में होने वाली शरारीक एवं मानसिक क्षमताओं पर पड़ता है।